जैव चिकित्सा अनुसंधान करने के लिए डॉ.नागेंद्र सिंह एवंं डॉ. जितेंद्र सिंह राठौर को एक करोड़ से अधिक का शोध अनुदान मिला।

शफ़ी मोहम्मद शैफ़ी संवाददाता फ्यूचर लाइन टाईम्स ग्रेटर नोएडा।
डॉ.जितेंद्र सिंह राठौर
ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों को दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया पर जैव चिकित्सा अनुसंधान के लिए ICMR अनुदान प्राप्त ।
डॉ. नागेंद्र सिंह
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) नई दिल्ली से दो बाह्य अनुसंधान परियोजनाओं से सम्मानित किया गया है। बैक्टीरिया स्यूडोमोनास एरुगिनोसा पर जैव चिकित्सा अनुसंधान करने के लिए डॉ नागेंद्र सिंह  (विभागाध्यक्ष, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) और डॉ जितेंद्र सिंह राठौर को एक करोड़ से अधिक का शोध अनुदान दिया गया है। स्यूडोमोनास एरुगिनोसा एक अवसरवादी रोगज़नक़ है जो आमतौर पर पर्यावरण में शामिल होता है और अस्पताल से प्राप्त संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल होता है। नई एंटीबायोटिक दवाओं के अनुसंधान और विकास के लिए WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की प्राथमिकता वाले रोगजनकों की सूची की "महत्वपूर्ण" श्रेणी में होने के कारण, यह प्रजाति कई एंटीबायोटिक दवाओं के लिए अक्सर प्रतिरोधी होती है। डॉ. नागेंद्र सिंह और उनकी टीम मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस बैक्टीरिया के इलाज के लिए चिकित्सीय अणुओं के विकास के लिए काम करेगी, जबकि डॉ. राठौर और उनका शोध समूह एंटीबायोटिक प्रतिरोध में पी. एरुगिनोसा से जीनोम एन्कोडेड टॉक्सिन-एंटीटॉक्सिन (टीए) मॉड्यूल की भूमिका को समझेंगे। कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने डीन डॉ. नीति राणा और दोनों संकाय सदस्यों को पुरस्कारों के लिए बधाई दी और विभाग में जैव चिकित्सा अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रोत्साहित किया। आईसीएमआर से अतिरिक्त अनुदान अनुसंधान में और मदद करेगा और विभाग में यूजी और पीजी छात्रों को जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रशिक्षण में तैयार करने में भी मदद करेगा।

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