पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर ना सिर्फ देश मे बल्कि विश्वभर में किया गया याद।

सम्पूर्ण जीवन देश की सेवा में अर्पित करने वाले कलाम आने वाली पीढ़ियों को सिखा गये जीने का तरीका।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और विश्व भर के शीर्ष वैज्ञानिकों में गिने जाने वाले कलाम का देश हमेशा ऋणी रहेगा
बागपत से संवाददाता विवेक जैन
हाजी यासीन फोटो

हाजी यासीन ने कहा कि विश्व भर के शीर्ष वैज्ञानिको में शुमार और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर ना सिर्फ देश बल्कि विश्वभर में याद किया गया। 
प्रमुख समाजसेवी और कौमी एकता की मिसाल हाजी यासीन ने कहा कि कलाम जैसी शख्शियत सदियों में एक बार जन्म लेती है। कलाम ने सम्पूर्ण जीवन सिर्फ और सिर्फ देश के बारे में ही सोचा। वो जीये तो सिर्फ देश के लिये जीये। कहा कि अब्दुल कलाम तमिलनाडु के उस गरीब मुस्लिम परिवार से थे, जिनके पास खाने तक व्यवस्था मुश्किल से हो पाती थी। लेकिन परिवार और धार्मिक लोगों से मिली नैतिक शिक्षा ने उनके मनोबल को कभी भी कमजोर नहीं होने दिया। कलाम आने वाली पीढ़ियों को सीखा गये कि भले ही परिस्थितिया विपरीत क्यों ना हो अगर हम अपनी पूरी इच्छा शक्ति से विपरित परिस्थितियों का मुकाबला करेगें तो विजय अवश्य प्राप्त होगी। मन को समझा दो कि हमको हार नही माननी है। बताया कि वे एक ऐसी बेमिसाल और अनुपम शख्शियत थे, जिनकी प्रशंसा का सबसे बेहतरीन शब्द आज तक नहीं बना। कलाम को देश ने अपने सबसे सम्मानित पुरस्कारों से नवाजा। जिसमे पदम भूषण, पदम विभूषण, भारत रत्न जैसे अनमोल सम्मान शामिल है। सम्पूर्ण जीवन देश के लोगों को प्रोत्साहित और प्रेरित करने वाले कलाम को ना सिर्फ देश बल्कि विभिन्न देशों की सरकारों और विभिन्न संगठनों द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया गया।

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