वैश्विक स्वास्थ्य अभियान में भारत का योग, निभा रहा है प्रमुख भूमिका।

फ्यूचर लाइन टाईम्स, 
 
लखनऊः दिनांकः 22 जून, 2021 
हजारों वर्षों से प्रचलित भारत का योग आज विश्व में अपनी खास पहचान बना लिया है। स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मष्तिष्क, बौद्धिक क्षमता विकसित करने, शारीरिक बलिष्टता, मन-मष्तिष्क का ध्यान केन्द्रित करने सहित तमाम रोगों में लाभकारी योगासन विश्व के हर देश में अपनाया जा रहा है। हमारे देश के ऋषियों, मुनियों ने योग के बल पर मन-मष्तिष्क को संयमित रखते हुए समाज को नई दिशा दी, जिसमें सामाजिक एकता बनी रही और भारत विश्व गुरू के रूप में जाना जाता था। योग साधना से ही देश के ऋषि, तपस्वी निरोगी जीवन व्यतीत करते हुए पूरा जीवन जीते थे। योगासन आज देश-विदेश में बहुत लोकप्रिय हो गया है।
भारत की प्राचीन परम्परा योग को कायम रखने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में योग को वैश्विक स्तर पर अपनाने का आह्वान किया  जिसे संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2014 में अपनाते हुए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजन की घोषणा की और प्रतिवर्ष 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। विश्व के 190 देश अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। विश्व में योगासन जन आन्दोलन का रूप ले चुका है। योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाकर भारत के प्रधानमंत्री ने विश्व बिरादरी को हमारी प्राचीन परम्परा का बहुमूल्य उपहार दिया है। विश्व के तमाम देश चाहे वह विकसित हो या विकासशील, योग को अपनाकर अपने नागरिको को स्वस्थ बना रहे है। भारत में योग शिक्षण संस्थाओं में एक विषय के रूप में अपनाया गया है, वही विश्व के देश भी शैक्षिक स्तर पर योग को अपना रहे है।
 पूरा विश्व कोविड-19 के संक्रमण का शिकार हुआ है और व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के विकास पर बल दिया जा रहा हैं। वैज्ञानिकों द्वारा यह माना गया है कि जिस व्यक्ति में प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, उसे कोरोना का संक्रमण कम होगा। कोरोना की रोकथाम के लिए विश्व में जो भी वैक्सीन बनी है, वह भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए है। ऐसे समय में भारत की योग-साधना से लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहें है। भारत का योग एक अतिरिक्त प्रभावशाली उपचार पद्धति के रूप में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रतिष्ठित हुआ है। योगासन अब एक खेलकूद के रूप में स्थापित हो चुका है।  इसकी लोकप्रियता से रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे है। आज देशभर में 1.25 लाख से अधिक स्वास्थ्य एव उपचार केन्द्रों के जरिए योग स्वास्थ्य एवं चिकित्सा का प्रमुख अंग बन गया है। योग में प्रशिक्षित शिक्षक योग केन्द्रों के माध्यम से हर वर्ग के लोगों को प्रशिक्षण देते हुए लोगों को स्वस्थ बना रहे है। देश में योग प्रशिक्षण को विभिन्न देशों तक पहुॅचाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ‘‘ एम योग‘‘ मोबाइल एप विकसित किया गया है, जिससे विश्व के लोग लाभान्वित हो रहे है।

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