भाजपा जिला अध्यक्ष ने मीडिया में बयान जारी कर लेना चाहा श्रेय

फ्यूचर लाइन टाईम्स 

भाजपा ट्रेड लाइसेंस फी की दर में कमी को अपनी उपलब्धिय बताया भाजपा जिला अध्यक्ष ने मीडिया में बयान जारी कर लेना चाहा श्रेय

वसई, (मसूद हक्कानी की रिपोर्ट ) वसई विरार मनपा आयुक्त एवं प्रशासक द्वारा हाल ही में मनपा की आवक़ को बढ़ाने हेतु व्यापारियो पर बगैर किसी राजनितिक पार्टी एवं व्यावसायिक संगठनों से बात किये ट्रेड लाइसेंस का बोझ लाद दिया जो न्यूनतम 1-100 वर्ग फूट के लिए 1500 रूपये व अधिकतम 50 हजार रूपये वार्षिक प्रति व्यापार जगह के क्षेत्रफल के हिसाब से तय किया गया था। जिसके बाद मनपा वासियो में विशेष कर व्यापारि वर्ग में काफ़ी गुस्सा दिखाई दिया था। साथ ही साथ क्षेत्र की राजनितिक पार्टियों ने भी इस मामले को बेहद राजनितिक हवा दी हम सभी जानते ही है की वसई विरार मनपा का चुनाव कभी भी घोषित हो सकता है ऐसे में राजनितिक पार्टियां इस मसले को भुनाने में लगी है सभी विपक्षी पार्टियों ने तो इस मामले को प्रमुखता से उठाया ही वही यह अपने आप में पहला ऐसा मामला है जिसमे क्षेत्र की सत्ताधारी पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी ने भी आयुक्त के इस फैसले की आलोचना करते हुए सभी विपक्षी पार्टियों के सुर में सुर मिलाया व व्यापारियों के हित में ट्रेड लाइसेंस को ख़त्म किये जाने की मांग की थी भाजपा ने इस मामले को एक अलग स्तर पर उठाते हुए क्षेत्र के व्यापारियों से एक विशेष फार्म भरवाते हुए इसको खत्म किये जाने की मांग प्रमुखता से उठाई थी बकायदा हजारों की तादाद में फॉर्म जमा कर मनपा को सौंप थे। इन सब के चलते आखिर कार मनपा आयुक्त ने अपने फैसले को रीवाइज करते हुए ट्रेड लाइसेंस की दर में कमी करने का आदेश जारी किया जिसमे दर में 50 फीसदी तक की कटौती की गई 1 से 100 चौरस फुट के जहा 1500 रूपये तय किये गये थे जो नई दर के बाद 750 हो गई इस प्रकार हर केटेगरी जो पहले बनाई गई थी की दर में कमी की गई। मनपा द्वारा दर कमी के आदेश के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष राजन नाइक ने तुरंत मामले को भुनाते हुए शनिवार को पूर्व मंत्री विजय गिरकर के वसई प्रवास एवं पत्रकारों से मुलाक़ात के दौरान पत्रकार को सम्बोधित करते हुए इस दर कमी किये जाने को अपनी पार्टी की उपलब्धि बताते हुए पूरा का पूरा श्रेय लेना चाहा खैर राजनितिक पार्टियों का अपना ही स्टाइल होता है भाजपा ने भी उसी का अनुसरण किया। लेकिन आपको बतादे की मनपा ने जितनी जल्द बाजी में बगैर किसी से चर्चा के ट्रेड लाइसेंस फीस वसूलने का निर्णय लिया था उसी जल्द बाजी में क्षेत्र में बड़े बड़े होर्डिंग एवं बैनर भी लगवा दिए थे जो आज भी लगे हुए है जिसमे फीस दर पुरानी लिखी हुई है जिनकी अब कोई उपयोगिता दिखाई नहीं देती है ।

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