वित्तविहीन विद्यालयों के साढे तीन लाख शिक्षकों की हालत दैनिक मजदूरों से भी बदतर है ! लालमणि द्विवेदी

 फ्यूचर लाइन टाईम्स, मनोज तोमर ब्यूरो चीफ गोतम बुद्ध नगर ।


दादरी : टकुराई गुट के गौतम बुध नगर के जिलाध्यक्ष  ब्रह्मपाल नागर ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि   25 नवंबर 2020, को दादरी , गौतम बुद्ध नगरा उत्तर प्रदेश में शिक्षकों को जहां एक ओर संगठन बनाने का अधिकार है , तो दूसरी ओर विधान परिषद में शिक्षक और स्नातक एमएलसी के रूप में सीधे अपना प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है । किंतु कई कई दशकों से विधान परिषद में जमे हुए इन शिक्षक विधायकों के होते हुए भी 1986 में वित्तविहीन मान्यता की व्यवस्था लाई गई , वित्तविहीन विद्यालयों के साढे तीन लाख शिक्षकों की हालत दैनिक मजदूरों से भी बदतर है , इन विधायकों की उपस्थिति में पुरानी पेंशन छीनी गयी , इनके रहते हुए बार - बार जनशक्ति और टास्क फोर्स के नाम पर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पदों की संख्या आधी कर दी गयी , स्थानांतरण में एन.ओ.सी. के नाम पर प्रबंधकों और अधिकारियों के द्वारा शिक्षकों को लूटा जा रहा है , विधान परिषद में इनकी मौजूदगी में ही वर्ष 2007 में यूपी बोर्ड के लोकतांत्रिक स्वरूप और उसकी स्वायत्तता को समाप्त कर दिया गया , 25 जुलाई 2019 को उ ० प्र ० शिक्षा सेवा अधिकरण ( ट्रिब्यूनल ) विधेयक पारित कर शिक्षकों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करने का प्रयास किया गया , उ ० प्र ० शिक्षा सेवा चयन आयोग के नाम पर शिक्षकों की सेवा सुरक्षा को नष्ट करने की कोशिश की गई , हर कोई जानता है कि शिक्षकों की भर्ती , ज्वाइनिंग , पदोन्नति , स्थानांतरण , एरियर भुगतान , सेवानवृत्तिक भुगतान के नाम पर शिक्षक लूटे जा रहे हैं । किंतु ये शिक्षक प्रतिनिधि कुछ भी रोक पाने में पूरी तरह नाकाम रहे । न केवल नाकाम रहे । यदि शिक्षक विधायकों के संपत्तियों की जांच करा ली जाए तो पता चल जाएगा कि इन्होंने शिक्षकों के बजाय खुद को ही शून्य से शिखर पर पहुंचाया है । दादरी , गौतम बुद्ध नगर के विद्यालयों में भ्रमण के दौरान उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ( ठकुराई गुट ) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने कहा कि , जिसने वर्ष 2004 में शिक्षकों और कर्मचारियों से पुरानी पेंशन छीन लिया , जिसने वर्ष 2017 में वित्तविहीन शिक्षकों का मानदेय छीन लिया , जिसने परिवार कल्याण सहित छह प्रकार के भत्ते समाप्त कर दिए , जो प्रतिदिन शिक्षकों पर अविश्वास करती है , प्रदेश के खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से अपने प्रत्याशी उतार कर आखिर किस मुंह से शिक्षकों से वोट लेना चाहती है । द्विवेदी ने कहा कि शिक्षक समुदाय के हितों को बचाने के लिए दशकों से जमे हुए शिक्षक विधायकों को हटाना जितना जरूरी है , इन प्रत्याशियों को आइना दिखाना भी उतना ही जरूरी है ।प्रदेश महामंत्री ने कहा कि ठकुराई गुट का कोई प्रतिनिधि सदन में न होने पर भी हमने समय रहते सभी मसलों पर आवाज उठाई है , सड़क पर संघर्ष किया है । हमने सड़क पर संघर्ष करके भी पेंशन का ट्रेजरी से भुगतान , वर्ष 2001 में वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली , शिक्षकों का अधिवय 62 वर्ष और छठे वेतनमान में केंद्र की भांति उच्चीकृत वेतनमान और अभी हाल में स्थानांतरण की पुरानी , जटिल और भ्रष्ट व्यवस्था के स्थान पर पहली बार शिक्षकों के लिए एनओसी रहित ऑनलाइन स्थानांतरण की व्यवस्था को लागू कराया है । द्विवेदी ने दादरी के विद्यालयों में शिक्षकों से संपर्क कर शिक्षकों से अपील किया कि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से ठकुराई गुट के प्रत्याशी डॉ उमेश चंद्र त्यागी को तथा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से सुशील कुमार सिंह को भारी मतों से विजयी बनाकर सदन में भेजिए , आपको और भी क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे । विद्यालयों में संपर्क के दौरान प्रदेश महामंत्री व प्रत्याशी डॉ उमेश चंद्र त्यागी तथा  प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह के साथ संगठन के प्रांतीय मंत्री अरुण पाल आत्रेय , जिलाध्यक्ष ब्रह्मपाल नागर, जिला मंत्री चेतन त्यागी, राजेंद्र सिंह बैस , कर्मवीर सिंह आदि उपस्थित रहे ।

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