दादरी क्षेत्र के दिग्गज नेता बिहार सिंह बागी का जाना क्षेत्र के लिए अपूर्ण क्षति

फ्यूचर लाइन टाईम्स, सौरभ शर्मा संवाददाता दादरी ।



दादरी : दादरी क्षेत्र में जागरूकता का प्रचार प्रसार करने वाले आंदोलनों के माध्यम से दादरी क्षेत्र को नयी पहचान दिलाने वाले, किसानों और मजदूरों के दिग्गज नेता रहे चौधरी बिहारी सिंह बागी का 78 वर्ष की उम्र में रविवार को नोएडा के सेक्टर -51 में निधन हो गया । वर्ष 1974 में कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज होकर वे दादरी में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जनसभा में शेर लेकर पहुंचने पर देश भर में चर्चित हुए थे । वह देश के पहले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के भी अच्छे दोस्त माने जाते थे । किसानों एवं दुग्ध व्यापारी के लिए आंदोलन करने वाले बिहारी सिंह बागी का दादरी क्षेत्र में विशेष सम्मान के साथ नाम लिया जाता है। 1992 में उन पर एक किसान रैली में जाते समय ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थी । इस हमले में वे बाल - बाल बच गए थे । उनके निधन के बाद जिले में शोक की लहर है । बिहारी सिंह बागी का जन्म दादरी के रूपबास गांव में हुआ था । 1974 में कांग्रेस के दो गुटों में बंटने औरदोनों पार्टी से टिकट न मिलने प उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी । उन्होंने 1974 और 1991 में चुनाव लड़ा । हालांकि वे जीत नहीं सके थे , लेकिन किसानों के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहे थे । उस दौरान जमीन अधिग्रहण का मुद्दा अहम था । बिहारी सिंह बागी किसानों की लड़ाई के लिए प्रसिद्ध हुए । 1974 के चुनाव में बिहारी सिंह बागी को चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव चिह्न शेर आवंटित किया गया । उस दौरान दादरी स्थित मिहिर भोज कालेज में इंदिरा गांधी की रैली हुई । चुनाव चिह्न शेर मिलने पर वह गाजियाबाद में चल रहे सर्कस से 500 रुपये में एक शेर किराए पर लेकर इंदिरा गांधी द्वारा संबोधित की जा रही जनसभा में पहुंच गए थे । शेर देखकर वहां भगदड़ मच गई थी । छात्र समय से ही राजनीति में सक्रिय रहे बिहारी सिंह लगातार संघर्ष और कांग्रेस से बगावत करने के कारण उनके नाम के पीछे बागी शब्द को जोड़ा गया था । हमेशा आमजन एवं धरातल की बात करने वाले भूमि पुत्र बिहार सिंह बागी का जाना क्षेत्र के लिए अपूर्ण क्षति है। 

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