सत्य वचन मानस विमल, कपट रहित करतूति तुलसी रघुबर सेवकहि, सकै न कलिजुग धुती

फ्यूचर लाइन टाईम्स 



तुलसी सुखी जो राम सों, दुखी सों निज करतूति
करम बचन मन ठीक जेहि, तेहि न सकै कलि धूति
            
सत्य वचन मानस विमल, कपट रहित करतूति
तुलसी रघुबर सेवकहि, सकै न कलिजुग धुती
            
 
प्रीति राम सों नीति पथ, चलिय राग रीस जीति
तुलसी संतनके मते, इहै भगति की रीति


            
हे तुलसी के एक गुण, अवगुण निधि कहै लोग
भलो भरोसो रावरो, राम रिबिझे जोग
            


जैसो तैसो रावरो, केवल कोसलपाल
तौ तुलसी को है भलो, तिहूँ लोक तिहूँ काल
              
 


Post a Comment

0 Comments