-->

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा का कड़ा पत्र, नोबेल समिति से पुरस्कार समीक्षा की मांग

रामानंद तिवारी संवाददाता राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।

नई दिल्ली। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित व्यापक अत्याचारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ा रुख अपनाया है। महासभा की ओर से नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी को एक औपचारिक पत्र भेजकर मुहम्मद यूनुस को दिए गए नोबेल शांति पुरस्कार की तत्काल समीक्षा, निरस्तीकरण तथा सार्वजनिक स्पष्टीकरण की मांग की गई है।पत्र में महासभा ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उल्लेख किया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या, महिलाओं व बच्चों पर हिंसा, मंदिरों व आश्रमों को क्षति, धार्मिक पर्वों पर रोक तथा पूरे गांवों को जलाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। महासभा के अनुसार, यह घटनाएं किसी एक मामले तक सीमित नहीं, बल्कि सुनियोजित और निरंतर उत्पीड़न का संकेत हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश की स्थापना के समय जहां हिंदू आबादी लगभग 25 प्रतिशत थी, वह अब घटकर करीब 5 प्रतिशत रह गई है।

महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि शांति, मानवता और नैतिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है। ऐसे में इस विषय पर चुप्पी नैतिक विफलता होगी। उन्होंने नोबेल समिति से त्वरित कार्रवाई कर वैश्विक समुदाय को सूचित करने की अपील की है।

इस पत्र के माध्यम से अखिल भारत हिंदू महासभा ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का मुद्दा प्रभावी ढंग से उठाया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ