सत्ता जाने से पहले CM उद्धव का हिंदुत्व कार्ड, औरंगाबाद-उस्मानाबाद का नाम बदला, फेसबुक लाइव आ दिया इस्तीफा, MLC पद भी छोड़ा, SC से लगा था झटका


मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच उद्धव सरकार ने बड़ा 'हिंदुत्व कार्ड' चला है. कांग्रेस के विरोध के बावजूद उद्धव सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है. अब औरंगाबाद को 'संभाजी नगर' और उस्मानाबाद को 'धाराशिव' के नाम से जाना जाएगा. औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने की मांग शिवसेना लंबे समय से करती आ रही थी. शिवसेना और उद्धव ठाकरे अक्सर औरंगाबाद को संभाजी नगर कहकर ही संबोधित किया करते थे. वहीं, उस्मानाबाद का नाम भी धाराशिव की मांग शिवसेना की थी.औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के अलावा नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी बदल दिया गया है. कैबिनेट ने इस एयरपोर्ट का नाम स्वर्गीय दिनकत बालू पाटिल रख दिया गया है. दिनकत बालू पाटिल किसान नेता और सांसद रहे हैं. सपा नेता और AIMIM ने भी इसका विरोध किया.वहीं महाराष्ट्र संकट में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कल ही सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट होने वाला है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है. कोर्ट सुनवाई की बात करें तो इस पूरे मामले में शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखा था तो वहीं शिंदे गुट की तरफ से कोर्ट में नीरज किशन कौल ने अपनी दलील रखी.  सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें आज ही फ्लोर टेस्ट को लेकर जानकारी मिली है. जब तक विधायकों का सत्यापन नहीं हो जाता, फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता है. लेकिन अभिषेक मनु सिंघवी की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या फ्लोर टेस्ट के लिए कोई न्यूनतम समय होता है. क्या संविधान में ऐसा लिखा है कि अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो सरकार बदल जाती है, तो दोबारा फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता?कोर्ट ने ये भी सवाल पूछा कि क्या बहुमत परीक्षण 10 या 15 दिनों में दुबारा नही हो सकता अगर परिस्थिति बदलती है तो?  संविधान में इसको लेकर क्या प्रावधान है? इस पर सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट बहुमत जानने के लिए होता है. इसमें इस बात की उपेक्षा नहीं कर सकते कि कौन वोट डालने के योग्य है, कौन नहीं. स्पीकर के फैसले से पहले वोटिंग नहीं होनी चाहिए. उनके फैसले के बाद सदन सदस्यों की संख्या बदलेगी. लेकिन कोर्ट इस दलील से ज्यादा संतुष्ट नजर नहीं आए. उन्होंने फिर सिंघवी से सवाल पूछा कि अयोग्यता का मामला कोर्ट में लंबित है. जो हम तय करेंगे कि नोटिस वैध है या नहीं? लेकिन इससे फ्लोर टेस्ट कैसे प्रभावित हो रहा है? इस पर सिंघवी बताया कि अयोग्यता को लेकर अगर स्पीकर फैसला लेते हैं और अयोग्य करार देते हैं तो फैसला 21/22 जून से लागू होगा. जब उन्होंने नियमों को तोड़ा है, उस दिन से उन्हें विधानसभा का सदस्य नहीं माना जाएगा.सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इसकी घोषणा राज्य की जनता को संबोधित करते हुए की. साथ ही ठाकरे ने साफ किया कि मेरे पास जो शिवसेना है, वो कोई छिन नहीं सकता है. मैं विधानपरिषद सदस्य पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि न्याय देवता ने फैसला दिया है, फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है. राज्यपाल का भी धन्यवाद. लोकतंत्र का पालन होना चाहिए. हम उसका पालन करेंगे. शिवसेना प्रमुख ने बागियों पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको सामने आकर बात करनी थी. सूरत और गुवाहाटी जाकर नहीं. जिसको सबकुछ दिया वो नाराज हैं.

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