कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का संक्षिप्त जीवन परिचय।

फ्यूचर लाइन टाईम्स,राजस्थान।
राजस्थान के सपूत भारतीय सेना में रहे राष्ट्र की रक्षा करने वाले शूरवीर कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का निधन एक दुखद घटना है जिसकी भरपाई असंभव है । बैंसला के ओजस्वी विचारों से अनेक युवाओं ने प्रेरणा ली है और अपने जीवन में नित्य राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर राष्ट्र को सही दिशा एवं दशा में विशेष सहयोग कर रहे हैं। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जीवन परिचय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पिता बच्चू सिंह बैसला , पत्नी स्वर्गीय रेशम देवी गुर्जर थी। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की संतानों में एक पुत्री और तीन पुत्र है। उत्तरी सुनीता बैसला प्रिंसिपल कमिश्नर इनकम टैक्स जयपुर, दौलत सिंह बैसला पुत्र ब्रिगेडियर भारतीय थल सेना, जय सिंह बैंसला पुत्र डीआईजी असम राइफल एवं विजय बैसला पुत्र विदेश में इंजीनियरिंग सेवा को छोड़कर राजनीति कर रहे हैं। कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का जन्म तिथि सितंबर 12, 1939 को गांव मुड़िया तहसील टोडाभीम जिला करौली राजस्थान में हुआ था। कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडिया गांव में बच्चू सिंह बैसला के घर 1939 में जन्म हुआ था उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई इसके बाद वह भरतपुर और जयपुर के महाराजा कॉलेज में पढ़ाई की इसके बाद उनकी प्रथम सर्वेश महुआ में अंग्रेजीक्यूजेड  व्याख्याता के पद पर लगी और वह दो साल व्याख्याता के पद पर नौकरी करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हुए।
इसके बाद बैंसला भारतीय सेना में कर्नल के पद से रिटायर हुए और 1971 भारत पाक युद्ध में भी इन्होंने भाग लिया और युद्धबंदी भी रहे
1991 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद 1994 में उनकी धर्मपत्नी ग्राम पंचायत मुड़िया की सरपंच बनी इसके बाद 1996 में उनकी धर्मपत्नी की मृत्यु हो गई और उस दौरान राजस्थान में गुर्जर समाज अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की मांग को लेकर लामबंद हो रहा था उन्होंने लगभग 300 गांव में मीटिंग करके जन जागरण का कार्य किया और उनको दौसा जिले के ग्राम पीपलखेडा में 2005 में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति का संयोजक बनाया गया ‌‌‌। राजस्थान में गुर्जरों को आरक्षण दिलाने में कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला की विशेष भूमिका एवं संघर्ष रहा है।  इस दौरान उन्होंने गुर्जर समाज को न केवल विश्व के मानचित्र पर प्रदर्शित किया बल्कि राजस्थान में गुर्जरों को आरक्षण दिलवाने की मुहिम को तेज किया इसके बाद बार-बार राज्य सरकार से समझौता और आंदोलन कर उन्होंने राजस्थान के गुर्जरों को विशेष पिछड़ा वर्ग का 5% आरक्षण दिलवाया और वह मुहिम आज तक निरंतर जारी है कर्नल बैसला ने गुर्जर समाज को आजादी के बाद पुनः जीवित कर आधुनिक परिवेश में 21 वीं सदी में अन्य समाजों के बराबर खड़ा करने का कार्य किया है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राजस्थान से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। सामाजिक उद्देश्य-कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला गुर्जर समाज मैं शिक्षा को लेकर जन जागरण का कार्य किया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की निधन प्रदेश एवं राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई होना असंभव है ऐसे शूरवीर योद्धा को यह धरती नमन करती है।

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