गाजियाबाद की बेटी ने दुनिया में गाजियाबाद का नाम किया रोशन।

फ्यूचर लाइन टाईम्स, अजीत रावत संवाददाता गाजियाबाद। 
गाजियाबाद। गाजियाबाद की इस बेटी ने साइबर क्राइम के रोकथाम पर जागरूकता अभियान चलाकर कई देशों में अपना कार्यक्रम किया और अब उसका नाम बीती 25 सितम्बर को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है । इससे पहले कामाक्षी, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपनी जगह बना चुकी है। यह है गाजियाबाद के रहने वाली कामाक्षी शर्मा। कामाक्षी अब 25 वर्ष की है लेकिन जब यह महज 23 वर्ष की थी तब से उसने साइबर क्राइम के खिलाफ लोगों में जागरूकता चलाने का कार्य शुरू किया है। कामाक्षी ना सिर्फ इंडिया बल्कि श्रीलंका और दुबई में भी साइबर क्राइम के, जागरूकता कार्यक्रम के लिए पुलिस को ट्रेनिंग देती है। कामाक्षी के मुताबिक हिंदुस्तान का तो कोई राज्य ऐसा नहीं है जहां उसने पुलिसकर्मियों को इसके बारे में ना बताया हो। जम्बू से लेकर कन्याकुमारी तक करीब 50 से ज्यादा शहरों में पुलिस से लेकर डिफेंस और आर्मी से जुड़े लोगों को कामाक्षी साइबर क्राइम की ट्रेनिंग दे चुकी है और साइबर क्राइम से जुड़े केसों को सॉल्व करने में मदद भी कर चुकी हैं ।
इंटरनेट आज की तारीख में छोड़ा नहीं जा सकता और यह इंटरनेट ऐसी चीज है जो ना सिर्फ आपकी गाड़ी कमाई पर डाका डाल सकता है । बल्कि यह हिंदू मुस्लिम के दंगे तक करवा सकता है । कामाक्षी का कहना है कि साइबर क्राइम बड़ी तेजी से बढ़ रहा है । और अगर उस मौका मिले तो वो इसे कम करने में सरकार और देश की और ज्यादा मदद कर सकती है।  हालांकि कामाक्षी के इस जज्बे से उसका परिवार भी काफी प्रभावित है और उसकी सराहना परिवार कर रहा है। कामाक्षी जब घर के बाहर जाती है तो उसका परिवार उसकी पूरी सपोर्ट करता है ।
 कामाक्षी को नौकरी के लिए देश के साथ ही विदेशो से भी से कई अच्छे ऑफर आए लेकिन उसने देश हित के लिए सबको इंकार कर दिया कामाक्षी अब चाहती हैं कि सरकार उसके काम के अनुसार उसे कोई अच्छी नोकरी दे ताकि वो साईबर क्राइम के जागरूकता अभियान को और आगे बढ़ा सकें ।

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