नून रोटी खाएंगे बाहर नहीं जाएंगे ठीक है।

फ्यूचर लाइन टाईम्स


नून रोटी खाएंगे बाहर नहीं जाएंगे ठीक है ।


दरवाजा पीट रहा करोना लेकिन अंदर नहीं बुलाएंगे ठीक है ।


लाँकडाउन हुआ है शक्ति से इसे निभाएंगे ठीक है।


एकदम ठीक है ।।


नून रोटी खाएंगे घर से बाहर नहीं जाएंगे ठीक है।सरकार का ऐलान है खतरे में जान है ठीक है ।



संकट का अपार है इसका न इलाज है ठीक है । मौत के मुंह में खड़ा पुरा संसार है ठीक है ।


एकदम ठीक है।।


घर के बाहर जो कदम रखा सचमुच  पछताएंगे ठीक है ।


तिवारी जी का कहना है।सबको बताना सबको समझाना ठीक है


आए बाहर से परदेसी को जल्दी जांच कराना है ठीक है ।


घर में रहना है दुख जो भी हो सहना है ठीक है ।


घर से बाहर नहीं जाना है ठीक है।


कानून तोड़कर जो भी सड़क पर  जाएंगे वो डंडा खाएंगे आधी रोटी खाएंगे बाहर नहीं जाएंगे ठीक है।


नून रोटी खाएंगे बाहर नहीं जाएंगे ठीक है ।


कोरोना जो आएगी तुझे भी बुलाएगी जाना है ।


कोरोना जो आएगी तुझे भी बुलाएगी गले से लगाएगी श्मशान को लेकर जाएगी जाना है।


नहीं तो हाथ नहीं मिलाना है दूर हट जाना है ठीक है । दूध लाना है  तुरंत नहलाना है ठीक है ।


भारत में  जब आयेगा तो हम सब कोई नहीं बच पायेंगे ठीक है ।


नून रोटी खाएंगे घर से बाहर नहीं जाएंगे ठीक है ।


मौत नहीं बोना है बाद में नहीं रोना है ठीक है।


साबुन से बार-बार अपना हाथ धोना है ठीक है।


 सिकंदर भी आया था विश्व बिजेंदर दिलाया था लेकिन उसे भारत ने हराया था ठीक है।


बोले तिवारी जी गाएंगे घर-घर यही सुनाएंगे तिवारी जी गाएंगे घर-घर यही सुनाएंगे ठीक है।


नून रोटी खाएंगे घर से बाहर नहीं जाएंगे आधी रोटी खाएंगे बाहर नहीं जाएंगे ठीक है।


रामानन्द तिवारी द्वारा रचित कविता 


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