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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित

मनोज तोमर ब्यूरो के राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
मुख्यमंत्री के शिक्षा व वैज्ञानिक सलाहकार रहे विशिष्ट वक्ता, विश्वविद्यालय के विकास विज़न पर हुई विस्तृत चर्चा

गौतम बुद्ध नगर, 14 नवंबर 2025 —
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आज “विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश @2047” विषय पर विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि प्रो. डी.पी. सिंह (शिक्षा सलाहकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व UGC चेयरमैन), डॉ. जी.एन. सिंह (सलाहकार, मुख्यमंत्री एवं पूर्व औषधि महानियंत्रक भारत सरकार) तथा अरविंद गुप्ता (प्रतिनिधि, डेलॉइट) का स्वागत कर किया।

अपने व्याख्यान में प्रो. डी.पी. सिंह ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के सुंदर एवं सृजनशील परिसर की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का लक्ष्य है कि यह विश्वविद्यालय विश्व में उत्कृष्टता का प्रतीक बने। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल भवन नहीं, बल्कि वह पवित्र स्थान है जहाँ विद्यार्थी स्वयं को पहचानता है और अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करता है।

उन्होंने “विकसित भारत 2047” की अवधारणा को विस्तार से समझाते हुए कहा कि वास्तविक विकास समग्र, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास के संयोजन से ही संभव है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उन्होंने भारत के नेतृत्व निर्माण का दस्तावेज बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भारत को “ज्ञान महाशक्ति” बनाना है।

इसके बाद डॉ. जी.एन. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश “उत्तम प्रदेश” बनेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश की GDP वर्तमान में 35 लाख करोड़ है, जो आने वाले चार वर्षों में 90 लाख करोड़ होने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है और विकसित भारत के साथ युवाओं के लिए असीम अवसर खुलने वाले हैं।

डेलॉइट के अरविंद गुप्ता ने विकसित भारत एवं विकसित उत्तर प्रदेश 2047 की रणनीति बताते हुए कहा कि युवा कौशल और शिक्षा ही राज्य को लक्ष्यों तक पहुंचाएगी।

कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन स्वयं को बेहतर बनाते हुए अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने भौतिक उन्नति के साथ आध्यात्मिक विकास को भी समान रूप से महत्वपूर्ण बताया।

अंत में डॉ. अक्षय सिंह, कार्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष, हिंदू अध्ययन केंद्र ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का विकास ही विकसित भारत का आधार है। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक व सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

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