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एमएमटीएच प्रोजेक्ट बोड़ाकी: भूमि अधिग्रहण पर किसानों का विरोध, डीएम से की लिखित शिकायत

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।

गौतम बुद्ध नगर, 8 सितम्बर 2025।
बोड़ाकी गांव और आसपास के सात गांवों के किसानों ने रेलवे जंक्शन और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) प्रोजेक्ट के तहत हो रहे भूमि अधिग्रहण पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं। किसानों ने जिला अधिकारी को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में राष्ट्रीय पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति 2007 और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धाराओं का पालन नहीं किया जा रहा है।

किसानों का कहना है कि बोड़ाकी, पल्ला, पाली, कठेड़ा, तिलपता, दादरी और रामगढ़ गांवों की लगभग 47.38 हेक्टेयर आबादी और खेती की जमीन अधिग्रहण के दायरे में है, जिससे करीब 800 परिवारों का विस्थापन होगा। बोड़ाकी निवासी बलराज भाटी एडवोकेट ने बताया कि आज तक प्रभावित परिवारों का सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट सर्वे नहीं कराया गया है, जो कानून के तहत अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे प्रभावित परिवारों, उनके पशुओं, घरों, संस्कृति और आजीविका पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करता है।

किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिग्रहण अधिकारी अब तक पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन समिति नहीं बना पाए हैं और न ही प्रभावित परिवारों को उनके पुनर्वास की स्पष्ट जानकारी दी गई है। किसानों का कहना है कि प्रशासन कथित रूप से फर्जी सर्वे रिपोर्ट गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से तैयार करा रहा है!

8 सितम्बर को किसानों की आपत्तियां सुनी गई थीं, जहां यह आश्वासन दिया गया था कि बिना सिफ्टिंग पॉलिसी और पुनर्वास भूमि की पहचान के अधिग्रहण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। मगर अब रेलवे एक्ट 1989 की धारा 20E का प्रकाशन कराने की तैयारी से किसानों में रोष फैल गया है। उनका कहना है कि इसके बाद उनकी जमीन के अधिकार केंद्र सरकार में निहित हो जाएंगे।

डीएम को दी गई शिकायत में बलराज भाटी एडवोकेट, ओमवीर आर्य एडवोकेट, रविंदर, रोहताश सिंह एडवोकेट, रामवीर पहलवान सहित कई किसान नेता मौजूद रहे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।


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