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लोकतंत्र के ध्वजवाहक प्रो. जगदीप छोकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

रामानंद तिवारी संवाददाता राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स।दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट स्थित चौ. स्वरूप सिंह विधूड़ी रिक्रिएशन हॉल में रविवार को लोकतांत्रिक सुधारों के पुरोधा प्रो. जगदीप छोकर की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक सीनियर एडवोकेट अनिल चौहान रहे। कार्यक्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग के पूर्व चेयरमैन डॉ. यशवीर सिंह, पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता एडवोकेट भागवत सिंह ने की जबकि संचालन एडवोकेट प्रदीप नागर ने किया।

मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) राकेश राणा ने कहा कि छोकर साहब का स्मरण केवल एक व्यक्ति की याद नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक विरासत को सहेजने का दायित्व है। उन्होंने चुनाव सुधारों की राह आसान बनाई और एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की स्थापना कर लोकतंत्र को नई दिशा दी। राणा ने भावुक होते हुए कहा—“छोकर साहब ने हमेशा वही रास्ते चुने जिन्हें लोग जोखिमपूर्ण मानकर छोड़ देते थे, और उन्हें सफलता में बदलकर समाज को प्रेरणा दी।”

सभा में वक्ताओं ने बताया कि उम्मीदवारों का विस्तृत विवरण सार्वजनिक करने की व्यवस्था उन्हीं के प्रयासों से शुरू हुई, जिसे बाद में उच्चतम न्यायालय से लागू कराया गया। प्रवासी मजदूरों के लिए "आजीविका ब्यूरो" जैसी पहल उनकी संवेदनशीलता का प्रतीक रही।

हरिश्चंद्र भाटी ने छोकर परिवार की शैक्षणिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी विद्वता आने वाली पीढ़ियों को दिशा देगी। राजपाल कसाना ने कहा कि छोकर जी ने 27 वर्षों तक चुनावी सुधारों में योगदान दिया और अधिवक्ता समुदाय को उनके मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। एस.पी. सिंह एडवोकेट ने कहा कि उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अंत में एडवोकेट इंदर सिंह विधूड़ी ने कहा—“जीना है तो ऐसे जियो कि जिंदगी भी याद करे।” सभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव रखा गया कि प्रो. छोकर की स्मृति में शीघ्र एक ग्रंथ प्रकाशित किया जाए।

इस श्रद्धांजलि सभा ने स्पष्ट किया कि प्रो. जगदीप छोकर का जीवन लोकतांत्रिक सुधारों और समाजसेवा की अमिट गाथा है, जिसे सदैव याद किया जाएगा।

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