राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ मनोज तोमर गौतम बुद्ध नगर।
गौतमबुद्धनगर, 14 सितम्बर 2025।
जनपद गौतमबद्ध नगर न्यालय सभागार में 13 सितम्बर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के माननीय न्यायमूर्ति एवं जनपद गौतमबुद्धनगर के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अजीत कुमार तथा माननीय जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर समस्त न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 8,67,111 मामलों का निस्तारण किया गया, जिसमें कुल समझौता धनराशि 39,33,27,282 रुपये रही।
न्यायालयों में निस्तारित वाद
जनपद न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों द्वारा कुल 3,00,427 वादों का निस्तारण हुआ। इसमें परिवार न्यायालय, वाणिज्य न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, पोक्सो कोर्ट, उपभोक्ता न्यायालय, भूमि अर्जन पुनर्वास न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों द्वारा समझौतों और निर्णयों के माध्यम से वादों का निपटारा किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार त्रिपाठी द्वारा सर्वाधिक 1,22,436 वादों का निस्तारण हुआ, जिसमें 1.83 करोड़ रुपये से अधिक की जुर्माना धनराशि प्राप्त हुई। वहीं, वाणिज्य न्यायालय व उपभोक्ता न्यायालयों में करोड़ों रुपये की समझौता धनराशि तय हुई।
प्री-लिटिगेशन स्तर पर निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत प्री-लिटिगेशन स्तर पर 5,66,684 मामलों का निस्तारण किया गया। इसमें राजस्व न्यायालयों के 92,297 मामले, यूपीपीसीएल के 3,275 मामले, एनपीसीएल के 106 मामले, पुलिस विभाग के 28,025 मामले, चिकित्सा विभाग के 36,649 मामले, बीएसएनएल के 183 मामले, यातायात विभाग के 4,01,203 मामले तथा नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जुड़े 3,705 मामले शामिल रहे।
समझौता धनराशि का ब्योरा
विभिन्न न्यायालयों और विभागों में संपन्न समझौतों के तहत कुल 39.33 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि तय की गई। इसमें मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा अकेले 4.07 करोड़ रुपये, उपभोक्ता न्यायालय द्वारा 41 लाख रुपये से अधिक और एनआई एक्ट न्यायालय द्वारा 3.25 करोड़ रुपये से अधिक की समझौता राशि निस्तारित हुई।
लोक अदालत की विशेष उपलब्धि
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा-निर्देश पर किया गया। जनपद गौतमबुद्धनगर में यह अब तक की सबसे बड़ी लोक अदालत साबित हुई, जिसमें लाखों मामलों का निस्तारण हुआ और आम नागरिकों को शीघ्र न्याय प्रदान किया गया।
यह आयोजन न्यायपालिका और विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयास का परिणाम रहा, जिसने विवादों को समझौते के माध्यम से हल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की।
सौजन्य : सूचना विभाग, गौतमबुद्धनगर
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