मनोज तोमर ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
दादरी (गौतमबुद्ध नगर)।
1857 की प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान क्रांतिकारी राजा राव उमराव सिंह गुर्जर का 168वां बलिदान दिवस बड़े श्रद्धा भाव से मनाया गया। यह आयोजन गुर्जर विद्या सभा दादरी एवं सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों द्वारा किया गया।
‘दादरी रियासत’ के नायक राजा राव उमराव सिंह गुर्जर ने अंग्रेजों के विरुद्ध निर्णायक युद्ध लड़ा। 30 मई 1857 को मेरठ से उठी क्रांति की लहर में शामिल होकर उन्होंने गाजियाबाद, सिकंदराबाद और बुलंदशहर क्षेत्रों में अंग्रेजी सेना को गहरी चुनौती दी। लेकिन 29 सितंबर 1857 को बुलंदशहर में उन्हें विश्वासघात के चलते बंदी बनाया गया और ‘काला आम चौक’ पर सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि राजा राव उमराव सिंह गुर्जर का बलिदान केवल इतिहास का गौरव ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध न केवल संघर्ष किया, बल्कि अपने प्राणों की आहुति देकर स्वतंत्रता की लौ प्रज्ज्वलित की।
गुर्जर विद्या सभा द्वारा संचालित मिहिर भोज बालक-बालिका इंटर कॉलेज, स्नातकोत्तर बालिका महाविद्यालय, पब्लिक स्कूल, आईटीआई एवं पुस्तकालय में विशेष कार्यक्रम हुए। विद्यार्थियों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने राजा राव सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
सभा के सचिव रामसरण नागर एडवोकेट ने कहा कि देश की स्वतंत्रता में गुर्जर समाज का योगदान अविस्मरणीय है। कार्यक्रम में रामशरण नागर एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष बार ऐशोशिएसन गौतम बुद्ध नगर और सचिव विद्या सभा, देवेंद्र टाईगर एडवोकेट, उपाध्यक्ष, विद्या सभा, ईश्वर भाटी, सचिव, बालिका डिग्री कॉलेज, दिनेश भाटी एडवोकेट प्रबंधक, बालिका इंटर कॉलेज, राजेश प्रधान प्रबंधक इंटर कॉलेज, दीपक नागर वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता, अधिवक्ता, शिक्षाविद, छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
गुर्जर समाज ने संकल्प लिया कि इस महान बलिदानी की गाथा को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाएगा और उनके आदर्शों पर चलकर समाज व राष्ट्रहित में योगदान दिया जाएगा।
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