राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स, गौतमबुद्ध नगर।
एनसीआर क्षेत्र में तेजी से हो रहे आवासीय निर्माण कार्य अब लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। सस्ते दामों और आसान किस्तों के लालच में बेचे जा रहे ये मकान बेहद कम लागत में बनाए जा रहे हैं, जिनमें निर्माण मानकों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि किसी भी वक्त सावेरी जैसी दर्दनाक घटनाएं दोहराई जा सकती हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्राधिकरणों और संबंधित विभागों की मिलीभगत से अवैध और मानकविहीन निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। बिल्डर लालच में घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे इमारतों की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कई जगह तो भवन निर्माण की अनुमति ही संदिग्ध है, लेकिन सरकारी तंत्र आंख मूंदे बैठा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन मकानों को बिना उचित निगरानी और इंजीनियरिंग मानकों के बनाया जा रहा है। परिणामस्वरूप ये भवन किसी भी समय गिरकर बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। खासकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बनी बहुमंजिला इमारतें वहां रहने वाले परिवारों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
आम नागरिकों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन की उदासीनता इस लापरवाही को और बढ़ावा दे रही है। न तो प्रदेश सरकार और न ही केंद्र सरकार इस ओर गंभीरता से ध्यान दे रही है। ऐसे में लोगों की मेहनत की कमाई से खरीदा गया घर मौत का कुआं बनता जा रहा है।
जरूरत इस बात की है कि निर्माण कार्यों की सख्त मॉनिटरिंग हो, दोषी बिल्डरों पर कार्रवाई की जाए और अवैध निर्माणों को तुरंत रोका जाए। वरना एनसीआर में कभी भी बड़ी त्रासदी घट सकती है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
लेखक ओमवीर आर्य संपादक राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स।
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