मनोज तोमर ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गोतमबुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की कार्यशैली और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्ष 2024-25 में मात्र 12% भूमि अधिग्रहण का लक्ष्य प्राप्त कर पाने वाला यह प्राधिकरण अब आलोचना के केंद्र में है। स्कूलों में पास होने के लिए 33% अंक जरूरी होते हैं, वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 12% पर ही संतुष्ट नजर आ रहा है।
आरडब्ल्यूए फैडरेशन के पूर्व महासचिव एडवोकेट दीपक भाटी ने तीखा सवाल उठाया है कि जब जमीन ही नहीं अधिग्रहित होगी, तो बड़े उद्योग कैसे आएंगे और शहर की योजनाएं कैसे मूर्त रूप लेंगी? उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी केवल अपने करियर विकास की चिंता करते हैं, न कि शहर के विकास की।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण, मनमानी योजनाएं, और भ्रष्टाचार की जड़ें इस व्यवस्था में गहराई से जुड़ी हुई हैं। गरीब मजदूर की खून-पसीने की कमाई से बना आशियाना प्राधिकरण के दस्ते द्वारा एक झटके में गिरा दिया जाता है, जबकि निर्माण के दौरान आंखें मूंद ली जाती हैं।
भाटी का कहना है कि जब किसान को उचित मुआवजा नहीं मिलेगा और निवेशक को रियायती दर पर भूखंड नहीं मिलेगा, तो न तो जमीन उपलब्ध होगी, न निवेश आएगा। इसके विपरीत, अधिकारियों की प्राथमिकता अपनी सुविधा और लाभ तक सीमित है।
यह खबर न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि शहर के भविष्य के प्रति गंभीर चिंतन की मांग भी करती है।
– संवाददाता, फ्यूचर लाइन टाइम्स
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