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जीवन पर्यंत तक करें श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण- वेदव्यास महेंद्र राहुल गोपाल

डाक्टर नरेश पाल सिंह ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स बिजनौर।
श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।
बिजनौर। बिजनौर के क्षेत्र के गांव झाल उलेढ़ा स्थित प्रसिद्ध सिद्ध पीठ सती माता मंदिर के प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को ज्ञान अर्जन कराते कथा व्यास महंत राहुल गोपाल ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का भंडार है। मनुष्य को इसका श्रवण जीवन पर्यंत तक करना चाहिए।
उनका कहना था कि श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम तीन दिन ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही भक्त को असीम आनंद और सुख का अनुभव प्राप्त होता है। कथा व्यास ने सातों दिन का विस्तृत वर्णन करते हुए मौजूद भक्त जनों को आनंद विभोर कर दिया। 
कहा कि सच्चे अर्थों में वेद रूपी फल का रस श्रीमद् भागवत कथा में निहित है। उनका कहना था कि सर्वप्रथम आदि नारायण की शाखा पर यह वेद रूपी फल लगा था। जिसे भगवान नारायण ने ब्रह्म, ब्रह्मा ने नारद तथा फिर महर्षि नारद ने वेदव्यास और वेदव्यास ने सुखदेव को दिया था। जिसके उपरांत महाराज सुखदेव ने 7 दिन तक राजा परीक्षित को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराई। 
उन्होंने बताया कि इस वेद रूपी फल का रस अंतिम सांस तक पिया जाता है। उन्होंने भक्तों का आह्वान किया कि जब तक जीवन हैं, तब तक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करें।
बताया कि भगवान गोविंद की लीला में महर्षि नारद का चरित्र विशेष रूप से रहता है। वास्तव में ज्ञान का खंडन और ज्ञान प्रदान तथा जिसकी बात को कोई रद्द न करें, वही नारद है। लेकिन मानव का लक्ष्य बिना स्वार्थ वशीभूत ईश भक्ति की तरफ होना चाहिए। तब ही मानव जीवन सफल है। अंत में कथा वाचक ने महर्षि नारद द्वारा पूर्व जन्म की कथा के तहत सुखदेव महाराज को माता सती यज्ञ, विवाह एवं राजा दक्ष का बखूबी वर्णन किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक डॉक्टर नरेश पाल सिंह, प्रशांत कुमार, विक्रांत सिंह, बचन सिंह, वेदपाल सिंह, ओंकार सिंह, गौरव सिंह आदि का सहयोग रहा।
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