मनोज तोमर ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित मंझावली पुल तो बन गया, लेकिन उत्तर प्रदेश की तरफ इसका रास्ता अब भी अधूरा पड़ा है। पुल पार करने के बाद सड़क हवा में लटकती नजर आती है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस मुद्दे को उठाते हुए एडवोकेट दीपक नागर ने कहा, "यह पुल बिहार के उस किस्से की तरह बन गया है, जहां रेलवे लाइन पर पुल तो बना लेकिन दोनों ओर से रास्ते नहीं जोड़े गए। ठीक वैसा ही हाल मंझावली पुल का है—बिना सड़क के पुल।"
उन्होंने आगे बताया कि फरीदाबाद से ग्रेटर नोएडा की ओर यात्रा करने वाले लोग जब पुल पार करते हैं तो सामने सड़क का नामोनिशान नहीं है। जनता परेशान है, लेकिन प्राधिकरण और संबंधित विभागों ने जैसे आंखों पर पट्टी बांध ली है। अधिकारी मौन बैठे हैं, किसी के पास जवाब नहीं।
पुल के निर्माण से क्षेत्र के लोगों को विकास और सुविधाओं की बड़ी उम्मीद थी। यह मार्ग दिल्ली-एनसीआर के आवागमन को आसान बना सकता था, लेकिन अधूरी सड़क ने सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया है। लोग रोजाना घंटों जाम में फंसते हैं, दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है और स्थानीय व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।
दीपक नागर ने आम जनता से इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक साझा करने की अपील की है, ताकि शासन-प्रशासन की नींद टूटे और वे जल्द से जल्द इस अधूरे मार्ग का निर्माण कराएं।
यह मामला जनहित से जुड़ा है और यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यह पुल विकास का प्रतीक नहीं, प्रशासनिक लापरवाही का नमूना बनकर रह जाएगा।
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