दादरी: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा 2021 में सादुल्लापुर गांव को स्मार्ट विलेज घोषित किया गया था। इसके अंतर्गत 2022 तक गांव का संपूर्ण विकास करने का वादा किया गया था, लेकिन दो साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, गांव की हालत बद से बदतर हो गई है। गांव के लोगों ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि विकास कार्यों के नाम पर केवल भ्रष्टाचार और लूट हो रही है, जिससे गांव के लोग प्राधिकरण के प्रति आक्रोशित हैं।
प्राधिकरण द्वारा गांव के सभी मुख्य रास्तों को खोदकर छोड़ दिया गया है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, लोग समय पर अपने रोजगार पर नहीं पहुंच पा रहे, और यहां तक कि मरीजों को अस्पताल ले जाने में भी परेशानी हो रही है। सड़कों की बदहाल स्थिति के कारण गांव में हजारों लोग बीमार हो गए हैं, जिनमें से कई की मौत भी हो चुकी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्राधिकरण ने विकास के नाम पर केवल अपनी जेबें भरी हैं, जबकि गांव की मूलभूत समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। गांववासियों का कहना है कि अब उन्हें ऐसा 'स्मार्ट' नहीं बनना है, जो उनकी जिंदगी को और मुश्किल बना दे।
गांव की मौजूदा स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि लोग अपने पुराने, देसी गांव की स्थिति वापस पाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे प्राधिकरण के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सादुल्लापुर के लोग एक बार फिर सामान्य और सुविधाजनक जीवन की मांग कर रहे हैं, जिसमें बिना किसी अत्याधुनिकता के सिर्फ मूलभूत जरूरतों की पूर्ति हो सके। ग्रामीणों का साफ कहना है कि उन्हें ऐसा विकास नहीं चाहिए, जो उनके लिए मुसीबत बन जाए।
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