रामानंद तिवारी संवाददाता राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।
नई दिल्ली, ___ दिसंबर 2025।
भारत रत्न एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी तथा प्रयाग के विद्या–तपस्वी महापुरुष काली प्रसाद जी की जयंती पर आज परम पूज्य सनातन सम्राट स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने दोनों महान विभूतियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय सम्मान और नई पीढ़ी को भारतीय संस्कारों से जोड़ने हेतु कई महत्वपूर्ण माँगें रखीं।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि “डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी का त्याग, नेतृत्व और काली प्रसाद जी का जीवनभर शिक्षा सेवा के प्रति समर्पण आज के भारत को प्रेरित करता है। राष्ट्र को इनके आदर्शों को पुनः स्मरण कर उन्हें सम्मानित करना चाहिए।”
मुख्य माँगें
1. संसद में भव्य प्रतिमा स्थापना
स्वामी जी ने कहा कि लोकतंत्र के पवित्र मंदिर, भारतीय संसद में दोनों महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके आदर्शों को नमन करती रहें।
2. भारतीय नोटों पर चित्र
उन्होंने आग्रह किया कि गांधी जी के साथ-साथ या उनके स्थान पर
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी एवं काली प्रसाद जी के चित्र भारतीय मुद्रा पर अंकित किए जाएँ। यह राष्ट्रनिर्माण में उनके अमूल्य योगदान का उचित सम्मान होगा।
3. राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में जीवनगाथा शामिल हो
स्वामी जी ने माँग की कि दोनों महापुरुषों की जीवन–गाथा को विद्यालयी पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए, ताकि विद्यार्थी त्याग, सेवा और चरित्र के मूल्य सीख सकें।
स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा कि “भारत केवल चित्रों की नहीं, चरित्र की पूजा करता है। ऐसे महापुरुषों का सम्मान राष्ट्रीय कर्तव्य है। यह सम्मान तभी पूर्ण होगा जब संसद में उनकी प्रतिमा, मुद्रा पर उनके चित्र और पाठ्यक्रम में उनकी जीवनगाथा शामिल की जाएगी।”
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