अकादमिक साझेदारी हेतु यॅार्क विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय में समझौता पत्र पर हुआ हस्ताक्षर।




मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर।एमिटी और यूके यॉर्क विश्वविद्यालय के मध्य अभिव्यक्ति सहित अकादमिक साझेदारी को बढ़ावा देने और संयुक्त अनुसंधान पहलो पर अवसरों का पता लगाने के लिए आज यूके के यॉर्क विश्वविद्यालय के कुलपति और अध्यक्ष प्रो चार्ली जेफ़री और इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट, पार्टनरशिप और मोबिलीटी के निदेशक श्री रोहित कुमार ने एमिटी का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय और यॉर्क विश्वविद्यालय के मध्य छात्र व संकाय विनिमय कार्यक्रमों, संयुक्त अनुसंधान पहल, संयुक्त सम्मेलन आदि क्षेत्रों में सहयोग करने पर एक समझौता पत्र हस्ताक्षर किया गया। इस समझौता पत्र यॉर्क विश्वविद्यालय के कुलपति और अध्यक्ष प्रो चार्ली जेफ़री और एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने हस्ताक्षर किये।यूके के यॉर्क विश्वविद्यालय के कुलपति और अध्यक्ष प्रो चार्ली जेफ़री ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी ने बहुत ही कम समय में अनुसंधान व शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक ख्याती अर्जित की है। जब आपसी सहयोग की बात आती है तो तीन चीजें बहुत ही महत्वपूर्ण होती है सबसे पहले शिक्षाविदों का मानव जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए और उन्हें लोगों के जीवन में बदलाव लाने का लक्ष्य रखना चाहिए। द्वितीय, छात्रों को उन अवसरों को महत्व देना चाहिए जो उन्हे विभिन्न विद्यालयों में जाने से मिलते है जो उन्हे बहुत अधिक सीखने और अनुभव प्राप्त करने अवसर प्रदान करता जो उनके क्षितिज को व्यापक बनाता है। तृतीय, आपसी सहयोग को विश्व के नागरिकों को तैयार करने पर ध्यान केद्रित करना चाहिए क्योकी सहयोग से बेहतर परिणाम मिलते है और एक मजबूत प्रभाव पैदा होता है। उन्होनें कहा कि आपसी सहयोग के कुछ प्रमुख क्षेत्र जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बु़िद्धमता, स्वास्थय देखभाल मे ंहम कार्य कर सकते है क्योकि रचनात्मक उद्योग परिवर्तन के महत्वपूर्ण चालक है।एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय, शिक्षण गुणवत्ता के साथ साथ छात्रों को अनुसंधान, नवाचार व स्वंय का उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रेरित करता है। डा सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने यूके और भारतीय विश्वविद्यालयों को नये अवसर प्रदान किया है जिसमें संयुक्त, टिविनिंग और दोहरी डिग्री की पेशकश, यूके विश्वविद्यालय को भारत आने, ई लर्निग व कोब्राडेंड कार्यक्रमों के तहत आपसी सहयोग, इंडिया इर्मशन कार्यक्रम, टयूनिंग स्कीम, गोइंग ग्लोबल आदि के तहत यूके के छात्रो ंको इंटर्नशिप एवं अनवारण का मौका आदि शामिल है। इस समझौता पत्र के अंर्तगत एमिटी और यॉर्क विश्वविद्यालय, व्यापार, उद्यमिता, स्थायीत्व, डिजिटल मार्केटिंग आदि क्षेत्रों में अभिव्यक्ति के आधार पर सहयोग कर सकते है। इसके अतिरिक्त हम संयुक्त शोध व पीएचडी के संयुक्त पर्यवेक्षण, इंडिया इर्मशन कार्यक्रम, टयूनिंग स्कीम, गोइंग ग्लोबल के तहत प्रोजेक्ट पर कार्य और स्टडी अब्राड कार्यक्रम के अंर्तगत लघु अवधि के छात्र मोबीलिटी पर कार्य करेगें।इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय, एमिटी रेडियो आदि का दौरा किया। कार्यक्रम में एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, इंटरनेशनल अफेयर डिविजन के डिप्टी डायरेक्टर डा आलोक भटनागर और एमिटी स्कूल ऑफ इजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पंाडेय भी उपस्थित थे।

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