कौरव पांडव रिश्तेदार सब बैठे होते थाने में : ओमपाल सिंह विकट




मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स संवाददाता धौलाना
 धौलाना।रविवार शाम को ग़ाज़ियाबाद के आर के पुरम स्थित पार्क में जिज्ञासा प्रकाशन की ओर से आयोजित काव्य संध्या में धौलाना के धुआँधार कवि ओमपाल सिंह विकट ने लोगों को जमकर ठहाके लगवाए। उन्होंने अपनी रचना पढ़ी। उन्होंने पढ़ा कि -करो कल्पना जो महाभारत होती नए जमाने में। कौरव पाण्डव रिश्तेदार सब बैठे होते थाने में। रचना को काव्य शिखर मासूम गाजियाबादी तक ठहाकों को रोक ना सके।कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जिज्ञासा प्रकाशन के निदेशक, मशहूर ग़ज़लकार मित्रपाल सिसौदिया उर्फ़ मित्र गाजियाबादी ने बताया कि प्रकाशन बीस राज्यों के 400 लेखकों की दस भाषाओं में बेहतरीन पुस्तकें प्रकाशित कर निरंतर साहित्य उत्थान का कार्य कर रहा है। साथ ही काव्य संध्या को वातानुकूलित सभागार से निकालकर पार्क में आयोजित करने का सफल प्रयोग किया है। अबसे तीस साल पहले तक भी इस तरह के आयोजन चौपालों और बागों में होते थे। उन्होंने बताया कि मंच पर मासूम गाजियाबादी, अनिमेष शर्मा, हिसार से रानोलिया व लालकिले पर तीन बार काव्य पाठ कर चुके संजय जैन, स्वरुप दिनकर मौजूद रहे। इन्होंन शानदार काव्य पाठ किया। जबकि भूपेंद्र त्यागी, ब्रजनन्दन पचौरी, नगेंद्र त्रिपाठी,विक्रांत चम्बली, कल्पना महाराणा, रचना निर्मल, मधु पाण्डेय राय, अमर पंकज ने काव्य पाठ के लोगों को चार घंटे तक उमस भरी गर्मी में भी कुर्सियों से चिपकाये रखा। जबकि मशहूर कवियत्री स्नेह भारती ने सरस्वती वंदना पढ़ी तो लोग भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर पूर्व पुलिस उपनिरीक्षक अमरपाल चौहान, वरिष्ठ भाजपा नेता हिर्देश सिसौदिया, राहुल नंबरदार, आर एन राय, नेहा राणा, रामभूल सिंह सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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