ग्रेटर नोएडा, 21 दिसंबर। कर्मवीर नागर प्रमुख ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि जहाँ एक ओर फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजनीतिक दिग्गज बड़ी संख्या में जुट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गौतम बुद्ध नगर की 288 ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और चुनाव की मांग पर नेताओं ने ‘चुप्पी’ साध रखी है।
उन्होंने कहा कि शहरी वोट बैंक को साधने की राजनीति में फोनरवा के चुनाव को लगातार महत्व दिया जा रहा है, जबकि ग्रामीणों द्वारा पंचायत चुनाव और पुनर्गठन की उठाई जा रही मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। नागर ने सवाल करते हुए कहा कि पिछले कई महीनों से ग्रामीण जनता जनप्रतिनिधियों से स्पष्ट जवाब चाहती है, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई पहल दिखाई नहीं देती।
कर्मवीर नागर प्रमुख ने ग्रामीण जनता की ओर से नेताओं से सीधा प्रश्न किया—
“क्या वजह है कि शहरी वोटों के लिए फोनरवा चुनाव अहम हैं, लेकिन 288 ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन पर सभी चुप हैं?”
उन्होंने कहा कि पंचायत पुनर्गठन ग्रामीण लोकतंत्र और विकास की नींव है, और इसे कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। ग्रामीण जनता इस मुद्दे पर एक मंच पर है और जल्द ही बड़ा जनमत तैयार होने वाला है।
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