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सपोर्टिव सुपरविजन में दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा

जहां आस है, वहीं है आगे बढ़ने का रास्ता। सपोर्टिव सुपरविजन में दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा।

रजनी भारती संवाददाता राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स, बिलारी, मुरादाबाद।
“दिव्यांगता कोई बाधा नहीं, सही मार्गदर्शन से सफलता संभव है।” इसी सोच के साथ एआरपी बिलारी अक्षय कुमार अपने सपोर्टिव सुपरविजन के दौरान दिव्यांग बच्चों को कक्षा-शिक्षण में समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं। उनका मानना है कि समावेशी शिक्षा से ही दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।

इसी क्रम में उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर कला में कक्षा 8 में अध्ययनरत एक दिव्यांग छात्रा को गणित किट के माध्यम से दशमलव संख्याओं का जोड़ अबेकस की मदद से सिखाया। छात्रा ने जब स्वयं गणित उपकरणों का प्रयोग कर समस्याओं को हल किया, तो उसमें नया आत्मविश्वास विकसित हुआ।

एआरपी अक्षय कुमार ने बताया कि शिक्षकों को चाहिए कि वे दिव्यांग बच्चों के लिए कक्षा में ऐसा सकारात्मक वातावरण बनाएं, जिससे वे बिना किसी झिझक के अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें। “हमें उन्हें न केवल समझने की आवश्यकता है, बल्कि उनके लिए ऐसा मंच भी बनाना है जहां वे आगे बढ़ सकें,” उन्होंने कहा।

सपोर्टिव सुपरविजन की यह पहल न केवल शिक्षण की दिशा में परिवर्तन ला रही है, बल्कि समाज को भी समावेशिता की ओर प्रेरित कर रही है।

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