धनसिंह कोतवाल के नाम पर मेट्रो स्टेशन का नाम पर रखा जाए

दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स विशेष संवाददाता मेरठ।

"धनसिंह कोतवाल ही मेरठ में क्रांति के नायक थे, डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई सांसद राज्यसभा.
धनसिंह कोतवाल ने सभी को साथ लेकर, सभी के लिए लड़ी क्रांति, "कृष्ण सिंह पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय।
धनसिंह कोतवाल को पाठ्यक्रम में कराया जाएगा शामिल.कमल दत्त शर्मा"
"धनसिंह कोतवाल के नाम पर मेरठ में हो मेट्रो स्टेशन का नाम, सरबजीत सिंह कपूर राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता"
मेरठ। दिनांक 9 मई 2024 को धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा 1857 के क्रांतिनायक  शहीद धनसिंह कोतवाल जी की संघर्ष गाथा और शहादत को नमन संगोष्ठी का आयोजन बृहस्पति भवन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में किया गया.संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय सांसद राज्यसभा डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई ने अपने  उद्बोधन में कहा कि कोतवाल धन सिंह गुर्जर जी ही वास्तव में मेरठ में 1857 की क्रांति के नायक थे, उन्होंने सरकारी नोकरी की परवाह न करते हुए,अपने परिवार, अपने गांव तथा अपनी पुलिस की नौकरी को देशहित में न्योछावर कर दिया.उन्होंने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं, शहीद मंगल पांडे ने बैरकपुर छावनी बंगाल में सैनिक क्रांति की थी,मंगल पांडे कभी भी अपने सर्विस कॉल में मेरठ नहीं आए थे और ना उन्होंने मेरठ की क्रांति में भाग लिया था,मैंने मंगल पांडे के गांव जाकर बलिया में सारे तथ्य ओर प्रमाण इकट्ठे कर इस बात का पता लगाया है,की मंगल पांडे का मेरठ की क्रांति से कोई वास्ता नहीं था,‌ मेरठ में धनसिंह कोतवाल जी ने ही 1857 की क्रांति की शुरुआत की थी.धन सिंह कोतवाल वास्तव में मेरठ की 1857 की क्रांति के नायक थे,उस समय सदर बाजार कोतवाली का क्षेत्र मेरठ से लेकर देहरादून तक था,संगोष्ठी के अध्यक्ष कृष्णसिंह, पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रयागराज उच्च न्यायालय ने  कहा कि धनसिंह कोतवाल द्वारा जो क्रांति की गई थी, वह सर्वसमाज से सहयोग लेकर, अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ देश की आजादी के लिए की गई थी,उनका उद्देश्य देश को गुलामी की बेडियो से बाहर निकाल कर स्वतंत्र कराना था,
अति विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार पदक विजेता प्रमुख समाजसेवी सरबजीत सिंह कपूर ने अपने उद्बोधन में कहा की क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल की शहादत बहुत बड़ी शहादत है और मैं मांग करता हूं सरकार से,  कि धनसिंह कोतवाल के नाम पर मेट्रो स्टेशन का  नाम पर रखा जाए. जिससे शहर में यात्रा करने वाले सभी बाहर से यात्रियों को भी 1857 की क्रांति धरा और धनसिंह कोतवाल के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके. अति विशिष्ट तिथि कमल मलिक पूर्व विधायक गढ़ में अपने उद्बोधन में कहा कि धनसिंह कोतवाल ऐसे क्रांतिकारी थे जिनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए वह मां भारती के सपूत थे.
अति विशिष्ट अतिथि कमल दत्त शर्मा पूर्व प्रत्याशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि धनसिंह कोतवाल जी की संघर्ष गाथा और शहादत को नमन कार्यक्रम में पधारे महानुभावों का में हृदय से सम्मान करता हूं, धन सिंह कोतवाल जी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे, उन्होंने सारे राष्ट्र को आजाद करने का बीड़ा मेरठ से उठाया था. हम उन्हें इतिहास की पुस्तकों में शामिल करने की कोशिश करेंगे. संगोष्ठी कार्यक्रम में धनसिंह कोतवाल के वंशज एवं शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना को सभी के द्वारा पगड़ी पहनकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर प्रमुख समाज सेवी सरबजीत सिंह कपूर ने कहा कि यह पगड़ी हमारी शान है इसे संभाल कर रखना. संगोष्ठी कार्यक्रम में जैन, बौद्ध, क्रिश्चियन, मुस्लिम, हिंदू आदि सभी धर्मगुरु गुरुओं ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय एकता, देशप्रेम और कोतवाल धनसिंह गुर्जर की शहादत को नमन किया.
प्रधानाचार्य श्री रामपाल सिंह जी,एडवोकेट नरेश गुर्जर, राष्ट्रीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष मैनपाल सिंह, अश्वनी त्यागी, सूरजपाल सिंह, प्रोफेसर नवीन चंद्र गुप्ता ने अपने उद्बोधन में धनसिंह कोतवाली को नमन किया.
धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के सदस्य आदरणीय जीएम बृजपाल सिंह चौहान, डीएसपी बलेसिंह, राजेंद्र सिंह गुर्जर, एडवोकेट जबरसिंह ,गुलबीर सिंह पार्षद ,रोबिन गुर्जर ,प्रो.विवेक त्यागी, प्रो.देवेश शर्मा,मनोज धामा जी,संजीव प्रधान, प्रधानाचार्य,संजीव नागर जी,अरुण खटाना, हंसराज,सोनपाल सिंह ने सभी का स्वागत सत्कार किया. संगोष्ठी कार्यक्रम धनसिंह कोतवाल महिला शोध समूह की सदस्यों ने भी बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में  सतनाम नागर,अभिषेक नागर, अमननागर,नवीन खारी, शुभम बिधूड़ी बड़ी संख्या में निवर्तमान डीएसपी गण,पुलिस विभाग के अधिकारी,  युवा शक्ति ने प्रतिभा किया. वरिष्ठ पत्रकार बंधुओ, स्वतंत्रता सेनानियों तथा शोध संस्थान के सदस्यो और सर्व समाज केसम्मानित और सहयोगी सदस्यों का सम्मान किया गया,
कार्यक्रम का संचालन धनसिंह कोतवाल के वंशज एवं शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना ने किया.

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