ज्ञात अज्ञात पूर्वजों हम आपके गौरवान्वित वंशज आपको शत शत नमन करते है : रणवीर सिंह

फ्यूचर लाइन टाईम्स 



ग्रेटर नोएडा  हे परम् आदरणीय पूर्वजों...सात सौ साल तक इस्लामिक और दो सौ साल के ईसाई आक्रांताओं से संघर्ष के बाद भी आज हम सनातनी अपने हर त्यौहार मना पाते हैं।अपने देवी देवताओं की पूजा कर पाते हैं परम्पराएँ निभा पाते है और अपने देश मे गर्व से रह पाते हैं ये सब इसीलिए सम्भव हो पाया क्योंकि आपने तलवार के डर अथवा पैसों के मोह में अपना धर्म नहीं बदला शीश कटे पर झूके नहीं बेटों ने घास की रोटियां खाई पर निज गौरव और अभिमान कम न होने दिया।मलेक्ष आक्रांताओं की दासिता स्वीकार न कर बेटियों ने अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षार्थ आत्म सम्मान के लिए मुँह में तुलसी पत्ती और गंगाजल रखकर जय हर का घोष करते हुए अग्नि का वरण कर लिया...जो योद्धा बन लड़े तो ऐसे की जीते जी स्वयं का श्राद्ध और तर्पण किया हर हर महादेव...जय भवानी का जयघोष करके अंतिम सांस तक लड़ते रहे विदेशी आक्रांताओं से बर्बर कौमो से हिंदुत्व के लिए सनातन धर्म की रक्षा के लिए...हे सनातन धर्म हिन्दुस्तान संस्कृति और सभ्यता की रक्षा के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले सभी आदरणीय ज्ञात अज्ञात पूर्वजों...हम आपके गौरवान्वित वंशज आपको शत शत नमन करते है...अंतिम श्वास तक सदैव आपके ऋणी रहेंगे ये पितृपक्ष आपके अदम्य शौर्य और निःस्वार्थ भक्ति को समर्पित...शास्त्रों में स्पष्ट शब्दों में पितरों के पूजन श्राद्ध तर्पण का विधान है...यथा सम्भव उनकी स्मृति में अपने सामर्थ्य के अनुसार तीर्थ क्षेत्रों में तर्पण ब्रम्हभोज दान पुण्य हर हिन्दू को करना चाहिए l


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