फ्यूचर लाइन टाईम्स
आर्य परिवार के एक सदस्य और हमारे मित्र होम्योपैथी चिकित्सक है,वह प्रतिदिन क्राइम पेट्रोल व उस जैसे अपराध जगत के सीरीयल देखते है। मैने उनसे ऐसा करने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा की इन्हें देखने से लोग कैसे-कैसे अपराध करते है यह ज्ञात होता है। अंत में इन अपराधियों को सजा तो मिल ही जाती है। इस घटना पर कोई अपनी राय दें। मैने पूर्व में विज्ञान जगत की आधुनिक शौधों के भी अखबारों की कटिंग के फोटो भेजे थे,लेकिन किसी ने भी अपनी राय नही दी। क्या यह आर्य श्रेष्ठों का समूह नही है? इन विषयों पर अपनी राय देना क्या गलत है? जो जिज्ञासु है?सवाल करता है और जानना चाहता है,वही ज्ञान अर्जन का पात्र होता है।यहां कोई भी क्या जिज्ञासु नही है?
विज्ञान के बिना धर्म लंगडा है और धर्म के बिना विज्ञान भी विनाशकारी है। इसलिए धर्म को सिर्फ कर्मकाण्डों तक सीमित न रखें।अपनी सोच /विचारों का परिमार्जन/परिशोधन भी करते रहे।
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