मीडिया ने पॉल्यूशन के लिये विलेन बनाया किसानों को व सरकार,नेता और नोकरशाह व अन्य जुम्मेवार एजेंसियां बेदाग ?
फ्यूचर लाइन टाईम्स
यमुना के प्रदूषित पानी में छठ पूजा करने को बेबस आस्था
मूर्खो की जमात में अन्नदाता बेसाहय खड़ा नजर आता है । किसानों के नेता किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले किसानों को पॉल्यूशन के लिये अपराधी घोषित मीडिया व नेताओ द्वारा करने पर मूक दर्शक बने है क्यो ?
मेरा सभी से आग्रह है कुछ प्रशन उठा रहा हूँ कृपया पूर्णतः ईमानदारी से निष्पक्ष होकर जबाब दीजियेगा ।
फैक्टियों से जो पोलयूशंन होता है, उसके लिये एनसीआर में सभी जगह पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड बने है उनमें सभी नोकरशाह पढ़े लिखे है इन सबने फेक्ट्रियो को पॉल्यूशन के NOC सर्टिफिकेट दे रखे है । कृपया इनकी जांच हो पता लगे कि कितनी ईमानदारी से जनता को बताया जाय कि वो तय मानक के अनुसार है या नही ?
दूसरा गाड़ियों के साथ भी यही है उनको भी पॉल्यूशन (PUC) सर्टिफिकेट दिये है तो पॉल्यूशन फिर गाड़ियों से तो नही होना चाहिये। फिर ऑड इविन का नाटक क्यो ? जरनेटर, ऐ सी, स्टोन क्रेशर आदि कितना पॉल्यूशन बढाते है इसके बारे में भी कुछ प्रकाश डालें मीडिया वाले व नेता जो पराली के नाम पर किसानों को दोषी बना कर युवा पीढ़ी के दिमाग मे वैमनस्य फैला रहे है । मेरा फिर एक बार पुराना सवाल है जब दिल्ली और दिल्ली के चारो तरफ खेती होती थी,चूल्हे पर उपले से खाना बनता था,अंगीठी पूरे दिन जलती थी दूध गर्म रखने के लिये,दलिया,साग अन्य खाद पदार्थ बनते थे उपले से ही तब पॉल्यूशन नही था अब क्यो ? रात में सर्दियों के दिन शुरू होते ही गाँव मे जगह जगह तापने के लिये पुअर जलाते थे तब पॉल्यूशन क्यो नही था ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री एक दिन टीवी में बोल रहे थे कि में पढ़ा लिखा हूँ तो मेरा निवेदन है अगर हिम्मत है तो कृपया मेरे 2 सवालों के जबाब देने का साहस करेंगे कि डवलपमेंट की परिभाषा को इंगित करे इसके साथ साथ ये भी बताने का कष्ट करें यमुना ,हिंडन नदी में पॉल्यूशन क्या किसानों ने बढाया है या उसके लिये कौन जबाब देह है । पूरे एनसीआर में ना आकाश का पानी और ना जमीन का पानी पीने लायक नही क्या उसके लिये भी पराली जलाने वाले किसान जबाब देह है या आपकी व सरकारों के द्वारा ओधोगिक नगरी जो बसाई गई है वो दोषी है । आबादियों के पास उद्योग किस नियम के तहत लगाये जाते है उस पर भी प्रकाश डाले मीडिया,नेता व नोकरशाह । मेरा इन सभी जमात से कहना है कृपया किसानों के नाम पर गाँव और शहरों में लोगो के बीच अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिये गलत बयानबाजी करके वैमनस्य ना फैलाये । बेचारा किसान तो वैसे ही दबा हुआ है और आज उसके हालात बदत्तर है।
दिल्ली में हवाई जहाज से जितना तेल जलता है उसके लिये भी क्या पराली ही दोषी है या आप सबका आधुनिकरण ? हवाई जहाज कितना पॉल्यूशन करते है फिर क्यो जेवर एयरपोर्ट के नाम पर ग्रीन एरिया को खत्म कर सरकार पॉल्यूशन को बढ़ावा देने पर तुली है इस पर कोई चर्चा नही करेगा क्यो ?
पेड़ काटने में,वाटर बॉडी खत्म करने में सरकार सबसे आगे रहती है विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ सरकार ही करती है ।दिल्ली में किदवई नगर को तोड़ कर कई हजार पेड़ो को काट कर जो कंक्रीट का जंगल बनाया गया किस कानून के तहत बनाया गया, कृपया इस पर भी मीडिया,नेता,नोकरशाह व खासकर पराली पराली चिल्लाने वाले आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री जो अपने आपको पढ़े लिखे बताते है टीवी पर वो भी बच्चों के साथ ।
पुनः सबसे अनुरोध है पराली के नाम पर अन्नदाताओं को बदनाम ना करे बल्कि असलियत से दूर ना भागे । जबाब देह कौन है ? जानना चाहोगे एनसीआर एक्ट 1985 के उलंघन करने वाले दोषी है उनमें सब लोग वो है देश मे विकास के नाम पर अवैैध भूमि अधिग्रहण कर कंक्रीट के जंगल बनाने पर हमेशा आमादा रहते है ।
देश हित मे कल फिर नये विषय पर लिख कर संवाद करेंगे ।
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