' ब्रह्मवादियों '(अहं ब्रह्मेsस्मि) के विषय में एक रोचक रूपक है।

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


' ब्रह्मवादियों '(अहं ब्रह्मेsस्मि) के विषय में एक रोचक रूपक है।



एक बार जंगल में एक चूहे ने एक हाथी को देख लिया। उसकी विशाल काय को देख कर बड़ा चकित हुआ। उसके इर्द-गिर्द तीन  चक्कर लगाए। चूहे से रहा नहीं गया और हाथी से पूछा " महाराज आप कौन हैं?"


हाथी ने उत्तर दिया ," हमें हाथी कहते हैं "। यह सुन कर चूहा चल पड़ा। हाथी ने सोचा यह बड़ा बदतमीज है। मेरा परिचय तो ले लिया अपना परिचय दिया ही नहीं।


आखिरकार, हाथी ने पूछा, "आप कौन हैं? " 


चूहे ने उत्तर दिया:
" होते तो हम भी हाथी हैं, पर थोड़ा बिमार रहते हैं "।


यही अवस्था इन अद्वैत - विदान्तियों की है। होते तो ब्रह्म ही हैं पर अज्ञानवश दु:खी रहते हैं, छल-कपट भी कर लेते हैं, कभी - कभी बलात्कार और हत्या भी कर बैठते हैं। वैसे मूल रूप से ब्रह्म ही हैं।


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