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धरोहर रामलीला मैं प्रभु राम द्वारा युद्ध का उद्धघोष के साथ समाप्त हुई

फ्यूचर लाइन टाईम्स, दिनांक अक्टूबर 07,2019, संवाददाता मनोज तोमर : अंगद-रावण संवाद और सुलह न होने से निराश अंगद का वापिस रामा दल में आना, और प्रभु राम द्वारा युद्ध का उद्धघोष के साथ समाप्त हुई.आज की लीला .रावण दरबार से आरंभ हुई, जहां रावण भी युद्ध के लिये अपनी सेना को तैयार रहने को कहता है, और सेना की कमान अपने वीर पुत्र इंद्रजीत-मेघनाथ को सौंपता है.प्रथम संग्राम में लक्ष्मण-मेघनाथ के भयंकर युद्ध में लक्ष्मण मेघनाथ की शक्ति प्रहार से मूर्छित हो जाते है, जो अंततः हनुमानजी द्वारा संजीवनी लाने से ठीक होते है, और पुनः समर भूमि में जाने को तत्तपर होते है.बाद के युद्ध में रावण दल के सबसे शक्तिशाली और विशालकाय योद्धा कुम्भकर्ण , राम के हाथों मारे जाते है.और उसके बाद लक्ष्मण द्वारा मेघनाथ भी वीरगती को प्राप्त होते है, मेघनाथ का सर काट कर रामा दल में ले जाया जाता है.और हाथ काट कर लंका में मेघनाथ की पत्नी सुलोचना के आँगन में गिरता है, हाथ लेकर रावण की अनुमति से वह रामादल में जाकर अपने पति का शीश लाती है और मेघनाथ के शव के साथ सती हो जाती है. जिसमें मेघनाद की भूमिका में धरोहर अध्यक्ष श्री संदीप रावत व रावण की भूमिका में श्री गोपाल घुगतियाल जी ने बहुत सुंदर अभिनय किया.आज की लीला यही पर समाप्त होती है.रावण का तेज और साम्राज्य धीरे-धीरे निस्तेज होता जा रहा है.लंका का चमकता सूर्य का प्रकाश अस्तांचल की ओर जाकर अंधकार के आगोश में समाता जा रहा है.निराश रावण अपने महलों में चिंतित है.और अंतिम संग्राम की तैयारियों में है.समस्त धरोहर परिवार लीला के अंत में मैदान की सफाई और पौधों को व्यवस्थित करनें के पश्चात ही घर के लिये निकलें.आज के मुख्य अतिथि .बोरा जोलर्स न्यायखण्ड प्रथम इंदिरापुरम के रतन सिंह बोरा व धना बोरा ने दीपरजोलित कर धरोहर रामलीला का विधिवत शुभारंभ किया। जिससे धरोहर परिवार के वीरेन्द्र जुयाल,शोभा रावत,शंकर सिंह खाती, भोपाल किरौला,संजय रावत,नवीं रावत, हरीश मधुर, जितेंद्र मधुर व रामलीला निर्देशक मनोज गौतम सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें


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