धरोहर रामलीला के चतुर्थ दिवस की रामलीला मंचन का प्रसंग

धरोहर रामलीला महोत्सव-2019 के चतुर्थ दिवस की रामलीला मंचन का प्रसंग बहुत ही उतार चढ़ाव - मार्मिक और भावनाओं से भरा रहा, फ्यूचर लाइन टाईम्स, दिनांक 2 अक्टूबर 2019,संवाददाता मनोज तोमर। एक ओर अयोध्यावासी अपने चारों कुँवरों के विवाह की खुशियों में रंगमस्त था, वही अयोध्या नरेश राजा दशरथ अपने जेष्ठ पुत्र राम को अयोध्या का राज सौंपने की तैयारी में थे वही महलों की दासी मंथरा बड़ी और दशरथ की सबसे प्रिय रानी कैकई को कुछ और ही षणयंत्र के लिये तैयार कर रही थी...
प्रथम दृश्य में जहाँ राजा दशरथ श्री राम को राजा बनने की सूचना अयोध्यावासी को देने का आदेश देते है..वही दूसरे दृश्य में कैकई कोपभवन में बैठ राजा दशरथ को अपनी बात मनाने हेतु शर्तो को याद दिलाई में लगी थी, अपने पिछले 2 वरदानों के एवज में वह राम के लिये राज के बदले 14 वर्षों का वनवास और राम के बदले अपने बेटे भरत को अयोध्या का राज...माँगती है.रघुकुल रीत सदा चली आई , प्राण जायें पर वचन न जायें की रीत निभाते हुये राजा दशरथ राम को 14 वर्षों के वनवास का आदेश देते है, पर इस सदमे में अपने प्राण गंवा बैठते है...पति और भाई के फ़र्ज़ के खातिर सीता और लक्ष्मण भी राम के साथ वनवास चले जाते है, जिससे पूरा अयोध्या गमगीन हो जाते है.इसके पश्चात भरत-शत्रुघ्न का कैकई से संवाद भी बहुत सुंदर मंचित हुआ...आज की लीला का मुख्य आकर्षण दशरथ - कैकई का संवाद रहा...जिसे धरोहर की सांस्कृतिक अध्यक्षा श्रीमती लता बवाड़ी जी और मंझे हुये कलाकार लक्ष्मण बोहरा जी द्वारा निभाया गया जिन्हें उपस्थित दर्शकों ने जमकर तालिया बजाकर सम्मानित किया...
उसके साथ ही भरत-शत्रुघ्न के पात्र अशोक और दक्ष जोशी के कलाकारों का कैकई के साथ संवाद भी बेहद दर्शनीय रहा, उन्हें भी दर्शकों की जनकर सराहना मिली....आज के मुख्य अतिथि नरेश डोबरियाल जी LIC CHIF व पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष व संगीतकार राजेन्द्र चौहान व उत्तराखंड की स्वर कोकिला कल्पना चौहान व धरोहर सरंक्षका एस के नेगी दिनेश घिल्डियाल विमला रावत ने दीप परजोलित कर धरोहर रामलीला का विधिवत शुरुआत किया। सहित धरोहर के कई वरिष्ठ सदस्य चंदन गुसाई ने मंच संचालन किया जिसमे संस्था के राजेश जोशी राजेन्द्र रावत राजपाल पयाल नरेन्द्र जेदली संगीत बिष्ट लक्ष्मी रावत जगत सिंह रावत शांति खुल्वे बॉबी रावत कमल जोशी चंदन पटवाल सुदेश नैथानी भुबन चंद्र तिवारी तारा दत्त शर्मा भूपाल सिंह किरौला हरीश वेनिवाल शंकर सिंह खाती महेश त्रिपाठी व सभी पदाधिकारियो ने रामलीला को भव्य बनाने में एकजुट रहें ।


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