उत्तरप्रदेश में २२ करोड़ पौधे लगाने का रिकॉर्ड , कितने लगे और कितने बचे ।

राजेश बैरागी-अगस्त क्रांति दिवस(९ अगस्त)को हरित क्रांति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा समूचे उत्तरप्रदेश में २२ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य भी सरकारी हो चला है। पौधे लगाने का हिसाब कागज पर तो है परंतु जमीन पर नहीं।
         वर्षाकाल में प्रत्येक वर्ष पौधे लगाने की परंपरा रही है।इस वर्ष उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने विश्व अभिलेख बनाने के उद्देश्य से अगस्त क्रांति दिवस को हरित क्रांति दिवस के रूप में मनाने और एक दिन में २२ करोड़ पौधे लगाने का जुनूनी फैसला किया।भारी भरकम सरकारी तंत्र के सामने यह लक्ष्य कुछ ज्यादा बड़ा भी नहीं था।गत ९ अगस्त को समूचे उत्तरप्रदेश में पौधे लगाने, फोटो खिंचवाने और समाचार माध्यमों से प्रचार करने का कार्य किया गया। गौतमबुद्धनगर जिले में जिला प्रशासन व नौएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण ने भी बड़े स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। लगभग २० दिनों में यह वर्ल्ड रिकॉर्ड कार्यक्रम भुलाया जा चुका है।लगाये गये पौधों की फिलहाल कैसी गुजर रही है आमतौर पर कोई नहीं जानता। मौसम की कृपा से कोई पौधा खुद नहीं मरेगा। हालांकि नौएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग द्वारा जुलाई माह में पेड़ों के प्यासे मरने का रिकॉर्ड भी है।परंतु एक साथ २२ करोड़ पौधे कहां से आए यह सवाल ज्यादा बड़ा है।हर वर्ष लगाए जाने वाले लाखों पौधे अगले वर्ष तक बचते भी हैं यह बताने को कोई तैयार नहीं है। यदि पिछले दस वर्षों में लगाए गए पौधों (कागज के अनुसार) में से आधे भी जीवित हों तो उन शहरों में कोई जगह ख़ाली नहीं मिलेगी। यह भी एक सच्चाई है कि पौधारोपण कार्यक्रम शहरों में मनाये जाते हैं। हालांकि पेड़ों की जरूरत शहरों में भी है परंतु जंगल में मोर नचाने को कोई तैयार नहीं है जहां उसका प्रदर्शन देखा न जाता हो।(फ्यूचर लाईन टाइम्स हिंदी साप्ताहिक नौएडा)


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