ऋग्वेद के छटे मण्डल में शरद ऋतु अहर्निश शारद यज्ञ कर संसार हित करने का विधान किया गया है: महेन्द्र सिंह आर्य

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
दादरी। शारद दुर्लभ यज्ञ के संयोजक सदस्य एवं प्रभारी ओमवीर सिंह आर्य एडवोकेट ने बताया कि आज दादी सत्ती मंदिर गांव दुजाना में नवरात्र में दिन रात चलने वाले शारद दुर्लभ यज्ञ नावें दिन के कार्यक्रम में  रात्रिकालीन सत्र में यज्ञ के ब्रह्मा कार्यक्रम संयोजक आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर की यशस्वी अध्यक्ष महेंद्र सिंह आर्य ने शारद दुर्लभ यज्ञ के बारे में यज्ञ पर जानकारी देते हुए बताया कि शारदी रोगानां माता- आयुर्वेद के इस कथन से शरद ऋतु रोगों को माता है। शारदी रोगों का निवारण कर प्राणी मात्र को स्वस्थ बनाने के लिए ईश्वरीय ज्ञान ऋग्वेद के छटे मण्डल में शरद ऋतु अहर्निश शारद यज्ञ कर संसार हित करने का विधान किया गया है। इसी ईश्वरीय आदेश का पालन करते हुए संसार- हित के लिए ग्राम दुजाना में दस दिवसीय 'शारद दुर्लभ यज्ञ' का आयोजन आर्य समाज दुजाना एवं अ.भा. राज्यार्य सभा द्वारा किया गया है। स्वामी मोहन देव ने बताया कि संगति करण का अर्थ विद्वानों के नेतृत्व में संगठित होकर संसार का हित करना होता है। संसार के हित के लिए सत्पात्रों को अपना समय, धन,सोधन और ज्ञान आदि को देना दान कहलाता है। संक्षेपत: संसार के हित के लिए विद्वानों के नेतृत्व में संगठित होकर पुरूषार्थ करना यज्ञ कहलाता है। आज के यज्ञ पर बब्बली नागर धर्मपत्नी निवासी सादुल्लापुर एवं अन्य सात पति पत्नी शारद दुर्लभ यज्ञ पर यजमान रहै एवं वैदिक भजनों द्वारा यज्ञ वैदिक मन्त्रों से निरन्तर आरम्भ रहा। अन्य राज्यों से आये विद्वान चितेश्वरा नंद महाराज, प्रज्ञा, कल्याण सिंह आर्य बिजनौर, ओम प्रकाश आर्य भरतपुर, छेत्र के सम्मानित महेन्द्र आर्य कार्यक्रम संयोजक, हुकम सिंह आर्य दुजाना आर्य समाज प्रधान, मास्टर ब्रह्मा सिंह, ओमपाल आर्य मन्त्री आर्य समाज दुजाना, ईलचन्द नागर, मोनू प्रधान, यशवीर भगतजी, मास्टर मौजीराम, मास्टर विनोद नागर, जागरतन आर्य, सतपाल आर्य, राकेश शर्मा, सतबीर आर्य, राजकुमार रूपवास किसान नेता, जगबीर आर्य, ग्रीस मुनि, यशवीर आर्य, बाबू राम नागर, जालेन्द्र आर्य, डाक्टर देवेन्द्र नागर, नन्द किशोर नागर, बब्बली नागर, कर्मवीर आर्य, मास्टर नरेंद्र नागर,सागर नागर, दिवाकर आर्य,पंकज आर्य,सत्यपाल आर्य, एवं ग्राम दुजाना और आस पास के गांवों से आये सैकड़ों यज्ञ प्रेमियों ने यज्ञ पर आहुतियां देकर कर यज्ञ की शोभा बढ़ायी।

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