सूरजपुर में प्राचीनकालीन ऐतिहासिक बाराही मेला-2023 का भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न




मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर
 गौतम बुद्ध नगर सूरजपुर में वर्षो से लगता चला आ रहा प्राचीन ऐतिहासिक बाराही मेला-.2023, इस बार फिर अपनी उमंग व तरंग के साथ 05 अप्रैल.-2023 से शुरू होने जा रहा है। प्राचीनकालीन बाराही मेला-2023 की कडी में आज भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रातः10 बजे (यज्ञ) हवन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुरोहित आचार्य सुमित शुक्ला ने संपन्न कराया। यज्ञ ब्रहमा के रूप में महंत स्वामी ब्रहम गिरी जी महाराज रहे। जब कि शिव मंदिर मेला समिति के अध्यक्ष चौधरी धर्मपाल भाटी प्रधान ने यज्ञमान के रूप में आहूति दी। भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिव मंदिर मेला समिति अध्यक्ष चौधरी धर्मपाल भाटी प्रधान ने कहा कि सूरजपुर में हर वर्ष लगने वाला प्राचीन बाराही मेला.-2023, इस बार 05 अप्रैल.-2023 से लेकर 16 अप्रैल.-2023 तक आयोजित किया जाएगा और जिसकी सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। भूमि पूजन कार्यक्रम आज, दिन गुरूवार, दिनांक 30 मार्च-2023 को संपन्न हो चुका है। मेला समिति महामंत्री ओमवीर बैंसला ने कहा कि इस वर्ष. प्राचीनकालीन बाराही मेला.-2023, आगामी 05 अप्रैल.-2023 से लेकर 16 अप्रैल.-2023 तक आयोजित किया जाएगा। बाराही मेला.-2023 की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं। यहां प्राचीन मंदिरों की रंगाई पुताई कर प्रति वर्ष की भांति सजाया जा रहा है। बाराही मेले में इस बार भी लोगों के मनोरंजन के लिए मौत का कुआ, सर्कस, झूले आदि होंगे। मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि प्राचीनकालीन बाराही मेले के इस तलाब में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। इस मौके पर महंत ब्रहम गिरीजी महाराज, शिव मंदिर मेला समिति के संरक्षक श्रीचंद भाटी, अध्यक्ष चौधरी धर्मपाल प्रधान, महासचिव ओमवीर बैंसला, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल, मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिजेंद्र ठेकेदार, व्यवस्थापक रवि भाटी, सह व्यवस्थापक भीम खारी, सह व्यस्थापक तोलाराम,  सह व्यवस्थापक लीलू भगतजी, सह व्यवस्थापक धर्मवीर तंवर,सह मीडिया प्रभारी राजवीर शर्मा और सदस्यों के रूप में रूपेश चौधरी, अनिल कपासिया,राजपाल भडाना, महाराज सिंह उर्फ पप्पू, प0 राजेश ठेकेदार, सुभाष शर्मा तथा भाई केडी गुर्जर, अमित भाटी, हरीश नागर, अनिल भाटी आदि पदाधिकारी और गणमान्यजनों ने भी (यज्ञ) हवन में आहूतियां दीं।

 


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