स्वतंत्रता दिवस मनाना स्वतंत्रता के इतिहास को जिंदा रखता है - बलजीत सिंह टूर्ण

फ्यूचर लाइन टाईम्स, 
15 अगस्त का दिन युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा देश की आजादी के लिये दिये गये बलिदानों से अवगत कराता है।
देशहित में कार्य करें, देशहित के लिये कार्य करना ही हमारे पूर्वजों को होगी हमारी सच्ची श्रद्धांजलि
विवेक जैन संवाददाता बागपत/ पानीपत, हरियाणा। देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे होने जा रहे है। पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के महोत्सव में डूबा है। सभी के मन में एक प्रश्न उठता है कि हर वर्ष इस राष्ट्रीय त्यौहार को क्यों मनाया जाता है। इस पर प्रकाश डालते हुए पानीपत के प्रसिद्ध समाजसेवी बलजीत सिंह टूर्ण ने बताया कि गुलाम भारत में लोगों की बहुत ही दयनीय स्थिति थी जिसको शब्दों में बयां नही किया जा सकता। गुलाम भारत में हमारे पूर्वजों पर अंग्रेजों ने जो जूल्म और अत्याचार किये उनका स्मरण करने मात्र से ही शरीर की रूह तक कांप जाती है। देश को अंग्रेजी हुकुमत से आजाद कराने के लिये हमारे पूर्वजों ने लाखों कुर्बानियां दी है, तब जाकर हमें ये आजादी मिली है। देश के युवाओं में राष्ट्र को बदलने की शक्ति है। बलजीत सिंह ने बताया कि भारत का भविष्य युवा पीढ़ी पर टिका है। स्वतंत्रता दिवस मनाने का एक मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को उनके पूर्वजों द्वारा देश की आजादी के लिये दिये गये बलिदानों से अवगत कराना है। स्वतंत्रता दिवस मनाना स्वतंत्रता के इतिहास को जिंदा रखता है और आजादी का सही मतलब लोगों को समझाता है। यह त्यौहार हमें मंगल पांडे, सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु जैसे अनेकों स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के जीवन से देशभक्ति की प्रेरणा लेने के लिये प्रेरित करता है और स्वतंत्र देश की महत्ता को समझाता है। यह त्यौहार हमें गुलाम भारत में हमारे पूर्वजों पर अंग्रेजों द्वारा किये गये जूल्म और अत्याचारों की याद दिलाता है और आने वाली पीढ़ियों को इतिहास से शिक्षा लेकर भविष्य में स्वयं को और देश को शक्तिशाली बनाने को प्रोत्साहित करता है। एक और हम 15 अगस्त के दिन बच्चों को देश के इतिहास से अवगत कराते है तो दूसरी और देश की जनता को पिछले वर्ष में हुए विकास कार्यो से अवगत कराया जाता है। बलजीत सिंह टूर्ण ने कहा कि पूरे देश को हमारे पूर्वजों द्वारा दी गयी शहादतों को याद करते हुए देशहित में कार्य करने चाहिये, यही हमारे पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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