गेहूँ में खरपतवार, आलू में पछेता झुलसा एवं सरसो में माहू कीट नियंत्रण के बताये उपाय।

फ्यूचर लाइन टाईम्स, राजेंद्र चौधरी संवादाता गाजियाबाद ।

गाजियाबाद : सकरी व चौडी पत्ती दोनो प्रकार के खरपातवारों के नियंत्रण के लिए पेडी मैथलीन, ई0सी0 को पानी में घोल बनाकर बुवाई के 3 के अन्दर छिडकाव करे। जिला कृषि रक्षा अधिकारी गाजियाबाद ने जानकारी देते हुए बताया कि गेहूँ फसल में दो प्रकार के खरपातवार होते है। सकरी पत्ती- गेहूसा एवं जगली जई ,चौडी पत्ती वाले- बथुआ सैन्जी, कृष्णनील चटरी मटरी, अकरा अकरी जगली गाजर प्याजी आदि।  इसको नियंत्रण किया जा सकता है सकरी व चौडी पत्ती दोनो प्रकार के खरपातवारों के नियंत्रण के लिए पेडी मैथलीन 30% ई0 सी0 को 3.3 लीटर मात्रा 400 लीटर पानी में घोल बनाकर बुवाई के 3 दिन के अन्दर छिडकाव करे, सल्फोसल्फयूरान 75% W.P+मैट सल्फयूरान मिथाइल 5% w.P 40 ग्राम मात्रा  एवं क्लोडिनाफास 15 % w.P + मैट सल्फयूरान 1 % W.P की 400 ग्राम मात्रा प्रति है 0 की दर से छिडकाव कर दे।

उन्होंने आगे बताया कि आलू में पछेता  झुलसा रोग यह आलू में फफूद से लगने वाली एक भयानक बीमारी है।  जिसका असर आलू की पत्ती, तना तथा कन्द सभी भागो पर होता है। इसको नियंत्रण करने के लिए 0.20% मैकोजेब 2 KG दवा का घोल 500 लीटर पानी में बनाकर स्प्रे करे।सरसो में माहू कीट : इस कीट के शिशु एवं प्रोड पीलापन लिए हुए हरे रंग के होते है। जो पौधे के कोमल तने पत्तिया फूलो एवं नए फलियों के रस चुसते है। इस कीट के नियंत्रण के लिए डाइमेथोएट 30% ई0सी0 या क्लोरोपाइरीफास 30% EC 1.0 लीटर या मोनोकोटोफास 30% SL को 500 मिलि0 मात्रा प्रति है 0 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करे।*

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