बार बार ज़ुकाम होने की शिकायत होने पर साइनस की बीमारी भी हो सकती है। साइनस की समस्या है जिसे साइनुसाइटस भी कहते हैं। साइनस के इलाज के लिए ऑपरेशन महंगे होते हैं, जिनके सफल होने के चांसेज भी कम होते हैं।
इस बीमारी के लिए घरेलू और देशी नुस्खे बहुत कारगर होते हैं। यह बीमारी बढ़कर अस्थमा और माइग्रेन में तब्दील हो सकती है।
आइए साइनस का घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार जानते हैं।
साइनस की बीमारी
ज्यादा लंबे समय से जुकाम रहने से साइनस होने पर नाक बंद हो जाती है और नाक से कफ बाहर निकलता रहता है। इस बीमारी में नाक की हड्डी बढ़ जाती है या उसका आकार तिरछा हो जाता है। जिससे पीड़ित को सांस लेने की समस्या हो जा ती हैं
साइनस होने के कारण
ठंडी चीज़ें ज्यादा खाना
बंद कमरों में रहना; खुली हवा का न मिलना
कब्ज़ की हमेशा शिकायत रहना
खानपान की गलत आदतें होना।
साइनस के लक्षण
साइनुसाइटस के लक्षण आंख और माथे पर महसूस होते हैं।
माथे और गालों पर भारीपन रहता है
आंखें भारी-भारी रहती हैं
थकान जल्दी होती है
नाक से हरे और पीले रंग के रेशे गिरते हैं
ज़ुकाम से नाक बंद हो जाती है
सिर में दर्द रहता है
पलकों के ऊपर दर्द रहता है
हल्का-हल्का बुखार हो सकता है
चेहरे पर सूजन रहती है
साइनस का घरेलू उपचार
नारियल पानी पोटैशियम का प्रचुर स्रोत है। इसके सेवन से शरीर डि-टॉक्स होता है, यानि शरीर की गंदगी बाहर निकलती है। जिससे साइनस की बीमारी ख़त्म होती है।
नाक से बलगम आने और आंखों पर भारीपन महसूस हो तो हल्के हाथों से जैतून के तेल से मालिश करनी चाहिए।
गाजर, पालक और चुकंदर का जूस पीने से भी साइनुसाइटस में आराम आता है।
शहद में तुलसी या अदरस का रस मिलाकर सेवन करने से साइनस से छुटकारा मिलता है।
हॉट वॉटर बोतल में गर्म पानी भरकर सिर, आंखों, चेहरे और गले की सिंकाई करने से साइनस में आराम मिलता है।
स्टीम बॉथ और तौलिए से चेहरे पर भाप लेने से भी आराम पहुंचता है।
काले जीरे की बीज कपड़े में बांधकर सूँघने से साइनस में राहत मिलती है।
साइनस हो तो गुनगुना पानी और गर्म सूप का सेवन करना चाहिए। इससे गले और नाक में भरा हुआ बलगम बाहर निकल जाता है।
नानवेज खाते हो तो तुरन्त बंद कर दे।
नाक से पानी ज़्यादा आए तो प्याज के रस की कुछ बूँदें नाक में डालें। इससे नाक का बहना और सिर दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
लाल मिर्च और काली मिर्च का सेवन करने पर भी बंद नाक खुल जाती है।
वेजिटेबल ऑयल और सूखे मेवों में विटामिन ई होता है, जिससे साइनस की बीमारी दूर रहती है।
साइनस का आयुर्वेदिक उपचार
एक कप पानी में एक चम्मच मेथी दाना डालकर उबालें। इसके बाद ठंडा करके छानकर पी लें। कुछ दिन यह उपाय लगातार करने से आपको साइनस की बीमारी में आराम मिलता है।
तुलसी के पत्ते, अदरक, छोटी सौंफ, मुलेठी, पुदीना और सौंफ का बना काढ़ा पीने से साइनस के लक्षण खत्म हो जाते हैं।
साइनुसाइटस का रामबाण इलाज
साइनस ही नहीं, नज़ला-ज़ुकाम, नाक की हड्डी बढ़ना, छींके आना, सिर दर्द रहना, इन सभी परेशानियों का रामबाण इलाज घर पर बिना दवा खाए किया जा सकता है।
देशी गाय का घी गुनगुना करके रात में सोने से पहले दोनों नाक छिद्रों में डालें।
प्रयोग विधि – पहले नासिका छिद्र में घी डालते समय दूसरे छिद्र को उंगली से बंद कर लें। घी डालने के बाद धीरे से सांस लीजिए। इसी तरह दूसरी नाक छिद्र में इस उपाय को दोहराएं।
सावधानी – इस उपाय को करते समय तकिए का प्रयोग और बातचीत न करें। इस प्रयोग को करने के 15 मिनट बाद आप तकिए का प्रयोग कर सकते हैं। नाक से जुड़ी बीमारी हो या फिर माइग्रेन के कारण सिर दर्द रहता हो, इस नुस्खे का प्रयोग लाभदायक होता है।
साइनस के लिए योग
साइनस संक्रमण का उपचार करने के लिए योग भी किया जा सकता है। योग के माध्यम से सांस को अलग अलग तरीकों से कंट्रोल कर सकते हैं। खुली हवा में योग करने से शुद्ध हवा मिलती है। अगर साइनस की समस्या का इलाज लम्बे समय से कर रहे हैं और फ़ायदा नहीं मिल रहा है तो योग सीखकर नियमित रूप से कीजिए।
प्राणायाम में भ्रमरी और अनुलोम-विलोम; क्रियाओं में सूत्र नेती और जल नेती तथा आसानों में ब्रह्म मुद्रा और सिंहासन से आराम मिलता है। बिना सीखे योग करने की ग़लती न करें। आप बाबा रामदेव के योग वीडियो भी देखकर योग कर सकते हैं।
साइनस इंफ़ेक्शन से बचने के उपाय
धूल मिट्टी और प्रदूषण वाली जगहों से दूर रहना चाहिए।
स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए और स्मोकिंग करने वालों से दूर रहना चाहिए।
नाक की गंदगी की नियमित सफाई करनी चाहिए और पानी अधिक पीना चाहिए।
ठंडी चीज़ें कम खानी चाहिए।
जे के हेल्थ केयर
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