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पैसा है तो सब कुछ है नहीं तो संतान भी अनजानी।

रिपोर्टर अजीत रावत ,मतलब की दुनिया मतलब के रिश्ते अजीब है 10 साल बाद अपनी मां  ( पैसे ) को गले लगाती रेनू मंडल की बेटी, जब मां भीख मांग रही थी तब इन मोहतर्मा का कहीं अता पता नही था लेकिन जैसे ही उसकी कामयाबी की भनक लगी रेनू की गरीबी के साथ मर चुके रिश्ते फिर से जिन्दा हो गये , हम मानव इतिहास की सबसे मतलब परस्त प्रजाति बन चुके हैं।


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