नोएडा, 31 अक्टूबर 2025 | विशेष संवाददाता मनोज तोमर रिपोर्ट
यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) में आज एक महत्वपूर्ण तकनीकी परीक्षण — कैलिब्रेशन फ्लाइट का आयोजन किया गया। यह उड़ान परीक्षण हवाई अड्डे की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है। इस अवसर पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के वरिष्ठ अधिकारियों, टेक्निकल टीमों और यमुना प्राधिकरण के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
🔹 उद्देश्य (Purpose):
कैलिब्रेशन फ्लाइट का मुख्य उद्देश्य ज़मीनी नेविगेशन और कम्युनिकेशन उपकरणों की सटीकता की जांच करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) द्वारा निर्धारित अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन कर रहे हैं।
🔹 प्रक्रिया (Process):
इस प्रक्रिया के तहत विशेष रूप से सुसज्जित विमान विभिन्न ऊँचाइयों और दिशाओं में उड़ान भरते हैं। उड़ान के दौरान इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), रडार और अन्य नेविगेशन उपकरणों के डेटा को रिकॉर्ड किया जाता है। इसके बाद तकनीकी विशेषज्ञ उस डेटा का विश्लेषण कर सिग्नल की ताकत, निरंतरता और सटीकता की पुष्टि करते हैं।
🔹 उपकरण (Equipment):
इन उड़ानों के लिए उपयोग किए जाने वाले विमान अत्याधुनिक तकनीक से लैस होते हैं। इन्हें आमतौर पर दो अनुभवी पायलटों और एक फ्लाइट इंस्पेक्टर द्वारा संचालित किया जाता है।
🔹 महत्त्व (Importance):
कैलिब्रेशन फ्लाइट किसी भी नए हवाई अड्डे के लिए एक अनिवार्य सुरक्षा चरण है। यह सुनिश्चित करती है कि विमान को सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ के लिए सटीक नेविगेशन सहायता मिले।
अधिकारिक विज्ञप्ति (Official Release):
“यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए यह कैलिब्रेशन फ्लाइट एक ऐतिहासिक कदम है। इस परीक्षण के पूरा होने के बाद एयरपोर्ट के तकनीकी उपकरण अंतरराष्ट्रीय मानकों पर प्रमाणित हो जाएंगे, जिससे जल्द ही उड़ानों की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त होगा।”
— यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा जारी विज्ञप्ति
यह परीक्षण न केवल नोएडा एयरपोर्ट की तैयारियों को अंतिम चरण में ले आया है, बल्कि उत्तर भारत की हवाई सुरक्षा प्रणाली को और भी सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।
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