गौतमबुद्ध नगर। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के विधि, न्याय एवं शासन संकाय में 30 अगस्त, 2025 को उद्योग अकादमिक बैठक- 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ ।
इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, कॉर्पोरेट विशेषज्ञों, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने उद्योग और शिक्षा जगत के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से विधि एवं शासन के समकालीन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. विक्रम करुणा, अध्यक्ष, इंटर्न्शिप एंड प्लेस्मेंट सेल , विधि न्याय एवं शासन संकाय के स्वागत भाषण और विषय प्रस्तुति के साथ हुई।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में समकालीन चुनौतियों का सामना करने हेतु विधि शिक्षा को आकार देने में शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। जो वर्तमान संदर्भ, संशोधनों और गतिशीलता में बदलाव के लिए प्रासंगिक हो । उन्होंने कानून पाठ्यक्रम में डेटा सुरक्षा और डेटा नीति के महत्व और मेक इट इंडिया - मेड इन इंडिया की पहल पर भी जोर दिया।
इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति पी. के. श्रीवास्तव, चेयरमैन , यूपी राज्य विधि आयोग, लखनऊ ने छात्रों को प्रेरित करने के लिए विधि विशेषज्ञ व्याख्यानों की व्यवस्था करके विधिक अभ्यास और अकादमिक अनुसंधान के सामंजस्य के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि लॉ के विद्यार्थियों का अंतिम एक वर्ष पूरी तरह से रोज़गार परक होना चाहिए।
यह कार्यक्रम तीन विषयगत तकनीकी सत्रों - न्यायपालिका और वरिष्ठ अधिवक्ताओं के दृष्टिकोण - के इर्द-गिर्द संरचित था। प्रथम सत्र जो न्याय सुनिश्चित करने में न्यायपालिका की उभरती भूमिका पर आधारित था में मिस सोनिया माथुर , सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता और भगवान स्वरूप शुक्ला, केंद्रीय सरकार स्थायी अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय, विशाल खट्टर, अतिरिक्त अधिवक्ता, हरियाणा राज्य, सर्वोच्च न्यायालय, संस्थापक पेटिन विधि कार्यालय, बी एस राजेश अग्रजीत, उप अधिवक्ता, छत्तीसगढ़ राज्य, , सर्वोच्च न्यायालय सहित प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपने विचार साझा किए।
द्वितीय सत्र में विशेषज्ञों जैसे सत्य गुप्ता (एजीएम लॉ, हुडको दिल्ली), मिस गार्गी शर्मा, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय , डॉ अभिमन्यु चोपड़ा, पार्ट्नर, ए जेड बी एंड पार्ट्नर्ज़ और कपिल देव (कानूनी प्रबंधक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, नोएडा) ने कॉर्पोरेट प्रशासन, साइबर लॉ और न्याय तक पहुंच की पहल पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन के तीसरे और अंतिम सत्र में , समदर्शी संजय, एओआर सर्वोच्च न्यायालय, यशवंत सिंह, एओआर सर्वोच्च न्यायालय, डॉ अनंत विजय मारिया, एओआर सर्वोच्च न्यायालय, सुशील दूबे, सरकारी सलाहकार, दिल्ली सरकार, रविंद्र नाथ मुखर्ज़ी, सोब्रीटी लीगल, अतुल जैन, जैन असोसीयट, दिल्ली, अनुज आनंद मालिक, संस्थापक, एएमए लीगल सॉलूयूसंस, श्रवण कुमार, सरवन शुक्ला, असोसीयट, दिल्ली सरकार पैनल , डॉ रूपेश सिंह, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय, मिस मोनिका शर्मा, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विचार साझा किए, जिसके बाद एक संवादात्मक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के विधि, न्याय एवं शासन संकाय के डीन डॉ. के. के. द्विवेदी ने अपने सम्बोधन द्वारा छात्रों को भविष्य की व्यावसायिक चुनौतियों के लिए तैयार करने हेतु नियमित शैक्षणिक-उद्योग संवाद की आवश्यकता पर बल दिया तथा विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. तिवारी ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित उद्योग अकादमिक सम्मेलन - 2025, एक ऐसा मंच बनाने की की प्रतिबद्धता का प्रमाण था जहाँ शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग मिलकर भारत में कानून और न्याय के भविष्य को आकार दे सकेंगें
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह, कुलसचिव, डॉ. विश्वास कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विधि विभाग के शिक्षकों और छात्र छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनएँ प्रेषित किया।
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