गौतमबुद्धनगर।नोबल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए आज एमिटी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 मनाया गया जिसका थीम ‘‘ विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक‘‘ था। इस कार्यक्रम का शुभारंभ यूएसए के नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ, नेशनल आई इंस्टीटयूट के एन - एनआरएल प्रमुख और वरिष्ठ प्रिसिंपल इन्वस्टीगेटर डा आनंद स्वरूप, एलकॉम इनोवेशन्स के सीईओ और संचालन निदेशक श्री प्रदनील उसगांवकर, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी संाइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा किया गया।यूएसए के नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ, नेशनल आई इंस्टीटयूट के एन - एनआरएल प्रमुख और वरिष्ठ प्रिसिंपल इन्वेस्टीगेटर डा आनंद स्वरूप ने कहा कि भविष्य के विकसित भारत की झलक आज एमिटी में दिख रही है जहां एक ओर छात्रों की विज्ञान व अनुसंधान में रूचि दिख रही है वही महिला छात्राओं की उपस्थिती महिला सशक्तीकरण को दर्शा रही है। वर्तमान समय में जहां से भी ज्ञान मिले अवश्य प्राप्त करें और देश को मजबूत बनाये। उन्होनें छात्रों को अपने अनुभव पर सलाह देते हुए कहा कि जीवन में जोखिम लेने से ना डरें किंतु जोखिम का अंाकलन अवश्य करे, नवाचार केवल जोखिम लेने पर ही संभव है। अपने जीवन यात्रा में व्यतीत हो रहे हर समय का आनंद लें। डा स्वरूप ने कहा कि वर्तमान समय में विभिन्न माध्यमों से सूचनायें उपलब्ध हो रही है ऐसे में सही और गलत तथ्यों व सूचनाओं को पहचानना मुश्किल है इसलिए स्वंय के अदंर सही व गलत सूचनाओं को पहचानने का कौशल विकसित करें।एलकॉम इनोवेशन्स के सीईओ और संचालन निदेशक श्री प्रदनील उसगांवकर ने कहा कि आप सब नई पीढ़ी के पास तकनीकीयों के माध्यम से बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है। एमिटी द्वारा अनुसंधान, नवाचर व तकनीकी के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया जा रहा है इसलिए विकसित भारत में छात्रों और विश्वविद्यालयों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। हमें विकसित भारत बनाने के लिए और अधिक नवोन्मेषी मस्तिष्क की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जी ने भी कहा कि है युवाओ की शक्ति ही परिवर्तन लायेगी। उन्होनें टेलीकॉम, टेलीविजन और डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में हुए बृहद परिवर्तन को बताते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए बहुत सारी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। युवाओ ंको अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो में युवा अभ्यर्थियों का प्रवेश की उम्र कम कर दी गई है। उन्होनें छात्रों से कहा कि आप ही देश का भविष्य हो जो नये भारत विकसित भारत का निर्माण करेगा।एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि प्राचीन समय में भारत, नवाचार व अनुसंधान के लिए विख्यात है। छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए और भारतीय वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन के प्रति सम्मान प्रकट आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 मनाया जा रहा है। एमिटी छात्रों को अनुसंधान, नवाचार, उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रेरित करके प्रधानमंत्री के मिशन विकसित भारत में योगदान दे रहा है। आज नई शिक्षा नीती 2020 के अंर्तगत बहुअनुशासिक क्षेत्रों के सहयोग अनुसंधान व नई प्रौद्योगिकियां विकसित हो रही है।एमिटी संाइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि हमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को मस्तिष्क, शरीर व आत्मा समझना होगा। आज एमिटी के सभी परिसरों में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 मनाया जा रहा है। आज का दिन हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर गर्व करने और छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का दिन है। सभी के सहयोग से ही विकसित भारत का मिशन पूर्ण हो सकता है और एमिटी विश्वविद्यालय सहित एमिटी के युवाओं की भूमिका भी इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होनें छात्रों की समस्याओं का निवारण करने वाले नवाचार व प्रौद्योगिकीयां विकसित करने के लिए प्रेरित किया।इस कार्यक्रम के अंर्तगत आयोजित तकनीकी सत्र के अंर्तगत न्यूरोसाइंस एंव न्यूरोटेक्नोलॉजी - एक भविष्य का परिपेक्ष्य, भारतीय तकनीक, आगे की राह में सेमीकंडक्टर की हालिया प्रगति, मातृभूमि की सुरक्षा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका, मानवजाति की सेवा में परमाणु विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर समारोह में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के चेयरमैन डा बी सी दास, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एप्लाइड साइंसेस की निदेशक डा सुनिता रतन और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के निदेशक डा शुभ्राजीत दास उपस्थित थे।
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