वेटलैंड क्या है? जाने वेटलैंड को।

||भूपर्पटी  के गुर्दे होते हैं वेटलैंड||
कान  का मैल भी उपयोगी है ,यह तो फिर भी वेटलैंड है।
____________________________________
प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय  वेटलैंड दिवस मनाया जाता है |आखिर क्या होते हैं यह वेटलैंड? वेटलैंड का हिंदी भाषा में अर्थ है  नम भूमि या आद्र भूमि क्षेत्र| ऐसी भूमि जो सैकड़ों   वर्ग किलोमीटर  से लेकर  कुछ हेक्टेयर  आकार तक के  भौगोलिक परी क्षेत्र में जल से सारोबार रहने वाली भूमि | वेटलैंड का जल ज्यादा गहरा नहीं रहता।
आम बोलचाल की भाषा में वेटलैंड को दहदल कह देते हैं.. जहां कभी पानी सूखता नहीं है वेटलैंड झील तालाब से अलग जल संरचना है| ईश्वर किसी भी चीज की रचना प्रकृति में यूं ही नहीं करता कार्य है तो उसका कारण जरूर होता है |उसकी रची  प्रत्येक प्राकृतिक संरचना वस्तु का एक विशेष प्रयोजन है।
हमारे कान में पैराफिन युक्त एक विशेष पदार्थ बनता है जिसे हम  कान का मैल कहते हैं वह  बैक्टीरिया का अच्छा भोजन है बैक्टीरिया उसी में फस कर उसे खाते रहते हैं कान के अंदर अंदरूनी भागों पर पहुंचकर नुकसान नहीं पहुंचा पाते |कान का पर्दा सुरक्षित रहता है।
सोचिए प्रकृति के इन शानदार नमूने वेटलैंड का क्या महत्व होगा?
वेटलैंड हमारी धरती जिसे हमने माता माना है उसके गुर्दे  है | नदियों का जल बाढ़ से जब बहकर वेटलैंड में आता है या वर्षा जल तो वेटलैंड उस जल को छानकर भूगर्भ का पुनर्भरण (Recharge) करते हैं| वेटलैंड अलग-अलग तरह के रोल निभाते हैं यह प्राकृतिक बाढ़ नियंत्रण ( flood control )का भी कार्य करते हैं... बाढ़ की रफ्तार वेटलैंड को छूकर धीमी हो जाती है| वेटलैंड का मतलब है समृद्ध  जंतु भंडार |इसके आसपास स्थानीय  लेकर प्रवासी पक्षियों सरीसृप  स्तनधारियों के प्राकृतिक आवास होते हैं| वेटलैंड के किनारे बहुमूल्य औषधियां उगती है... जिनमें भूमि आंवला ब्राह्मी प्रमुख है जो लीवर से लेकर मस्तिष्क के रोगों में रामबाण  औषधि का काम करती है। नम भूमि क्षेत्र वेटलैंड जीव धारियों के लिए एक अनमोल उपहार है। वेटलैंड प्राकृतिक स्पंज का काम करते हैं अधिक पानी को सोख लेते हैं जब जरूरत होती है तो पानी को धीरे-धीरे छोड़ते हैं। इसी के साथ ही वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड गैस को    सोखते हैं |जनपद गौतम बुध नगर में कभी छोटे बड़े सैकड़ों  वेटलैंड थे लेकिन आज केवल दो ही  उल्लेखनीय वेटलैंड है वह भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं जिनमें सूरजपुर , धनोरी वेटलैंड शामिल है। सूरजपुर वेटलैंड जब कभी समृद्ध था तो इसके आसपास के गांवों में भूजल स्तर बहुत ऊंचा था पानी बहुत स्वादिष्ट मीठा था| यमुना व हिंडन  नदी के बाढ़ के प्रकोप को सूरजपुर वेटलैंड कम करता था नतीजा दादरी क्षेत्र के गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं हो पाते थे... नोएडा, ग्रेटर नोएडा खादर क्षेत्र के लोग दादरी के गांवों में शरण लेते थे| पहले सूरजपुर वेटलैंड सूरजपुर रिजर्व पुलिस लाइन से लेकर डीएससी रोड को क्रॉस कर  कासना क्षेत्र तक  फैला हुआ था। बुजुर्ग बहुत से  किस्से इसको लेकर सुनाते हैं.. कहते हैं कासना व सूरजपुर के बीच 12 कोस की दहदल थी। कन्नौज के राजा जयचंद के आदेश पर जब बुंदेलखंड के प्रसिद्ध वीर आल्हा और उदल दिल्ली के सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर चढ़ाई करते हैं तो उनकी   हाथी व सैनिक दस्ता इस दहदल में फस गया था। ऐसे अनेकों अनेक किस्से हैं। विकास का दुष्प्रभाव  देखिए जो वेटलैंड पहले कभी सूखने में नहीं आते थे ,  पूरे वर्ष जल से सारोबार रहते थे आज वह गर्मी  का मौसम आते ही सूखने लग जाते हैं, 2 फरवरी 2020 को आप जनपद गौतम बुध नगर के   सूरजपुर , धनोरी वेटलैंड पर पहुंचकर  या अपने आसपास के किसी अन्य वेटलैंड पर पहुंचकर कुछ समय गुजारे| परमात्मा का आभार व्यक्त कीजिए|

   आर्य सागर खारी ✍✍✍

Post a Comment

0 Comments