रिपोर्टर आकाश ठाकुर ,दिनांक 19 सितम्बर 2019, गाजियाबाद:- जिले में 11 सितंबर 2019 से 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत जनपद की 161 ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक मुक्त किए जाने हेतु अभियान संचालित है साथ ही प्लास्टिक कचरा प्रबंधन हेतु ग्राम पंचायतों में जिला पंचायत राज अधिकारी गाजियाबाद की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन हेतु एवं प्लास्टिक एकत्रीकरण के लिए स्थान चिन्हित कर लिए जाएं ताकि 2 अक्टूबर 2019 को शपथ दिलाने के उपरांत प्लास्टिक के रिसाई किलेशन हेतु पुनः उपयोग हेतु ट्रांसपोर्टेशन के माध्यम से उचित स्थान पर पहुंचाया जा सके। स्वच्छता ही सेवा अभियान क्योंकि प्रधानमंत्री जी द्वारा 11 सितंबर 2019 को जनपद मथुरा से शुभारंभ किया गया है जिसके तहत जनपद गाजियाबाद में समस्त ग्राम पंचायतों में 11 सितंबर 2019 को ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में खुली बैठक का आयोजन किया गया है। साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा ग्राम प्रधानों को संबोधित पत्र प्रत्येक ग्रामवासी को पढ़कर सुनाया गया है जिसके परिपेक्ष में जनपद स्तर पर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय द्वारा जनपद के समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को समीक्षा बैठक 13 सितंबर 2019 को आयोजित करके निर्देशित किया गया था कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में नोडल अधिकारी नामित करते हुए अभियान को तेज गति और बहुत ही खूबसूरत तरीके से चलाया जाए। स्वच्छता ही सेवा अभियान यह किसी एक का अभियान नहीं है बल्कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर, विकासखंड स्तर पर, जनपद स्तर पर जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित कराए जाएं ताकि जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्वच्छता ही सेवा अभियान को एक नई दिशा मिल सके। स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय ने यह भी निर्देश दिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा रैलियों का आयोजन किया जाए और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन हेतु आमजन को जागरूक किया जाए क्योंकि कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक मुक्त ग्राम पंचायतों को बनाने के लिए इसमें ग्राम पंचायत के सदस्य, जनप्रतिनिधि गण, सामाजिक संगठन एवं अन्य ग्रामीण नागरिक नगर निकायों के प्रत्येक वार्ड के सभासद एवं गैर सरकारी संगठन बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे तो प्रधानमंत्री जी नरेंद्र मोदी जी का जो सपना है उसको साकार किया जा सकता है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन से ना केवल बीमारियों पर अंकुश लगेगा बल्कि पर्यावरण स्वच्छता तथा खुले में शौच मुक्त की स्थिरता को भी कायम रखा जा सकता है।
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