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दिल्ली में सर चौधरी छोटूराम की 145वीं जयंती पर ऐतिहासिक गुर्जर–जाट एकता सम्मेलन सम्पन्न, देशभर से उमड़े प्रतिनिधि

रामानंद तिवारी संवाददाता राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।

नई दिल्ली। किसानों के मसीहा दीनबंधु सर चौधरी छोटूराम की 145वीं जयंती पर राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के मावलंकर हॉल में रविवार को ऐतिहासिक गुर्जर–जाट एकता सम्मेलन भव्य रूप से आयोजित किया गया। पहली बार आयोजित इस संयुक्त सम्मेलन में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवा और सामाजिक कार्यकर्ता पहुंचे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सर छोटूराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।

सम्मेलन का संचालन अखिल भारतीय गुर्जर महासभा गौतमबुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष अशोक भाटी ने किया, जबकि अध्यक्षता रामेश्वर सरपंच ने संभाली। सम्मेलन में जाट और गुर्जर समाज के साझा इतिहास, परंपराओं, और सामाजिक योगदान को याद किया गया तथा दोनों समुदायों की एकता को नए सिरे से मजबूत करने का संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर छह सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया, जिसमें पूर्व मंत्री हरीश चंद्र भाटी, डॉ. यशवीर सिंह, सुभाष चौधरी, चौधरी युद्धवीर सिंह, धर्मवीर सिंह खोकर और राजाराम मील को शामिल किया गया। मंच पर पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत, डॉ. यशवीर सिंह, चौधरी युद्धवीर सिंह, चौधरी राजाराम मील, हिम्मत सिंह गुर्जर, झलकेश बाबूजी, मनपाल सिंह चौहान सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

वक्ताओं ने सामाजिक कुरीतियों—दहेज, मृत्युभोज और नशे—को समाप्त करने का संकल्प दोहराया और युवाओं को शिक्षा तथा रोजगार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। 94 वर्षीय रामेश्वर सेवार्थी, जिन्होंने सर छोटूराम के साथ कार्य किया था, सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण रहे।

चौधरी राकेश टिकैत ने सम्मेलन को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि जाट–गुर्जर एकता देश के किसानों और जवानों के लिए महत्वपूर्ण संदेश है। युद्धवीर सिंह ने कहा कि दोनों समाज के पूर्वज, गोत्र और कृषि परंपरा समान हैं, इसलिए समाज को विभाजित करने वाली शक्तियों को पहचानकर एकजुट होना आवश्यक है। इस दौरान आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की गई। मंच से घोषणा की गई कि 21 दिसंबर 2025 को मुजफ्फरनगर में जाट–गुर्जर संयुक्त सम्मेलन का आयोजन अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष चौधरी ब्रजवीर सिंह के नेतृत्व में किया जाएगा।

यह सम्मेलन न केवल साझा विरासत का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत भी साबित हुआ।

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