मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
फोटो कर्मवीर नागर प्रमुख।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी मामले का लें संज्ञान। ग्रेटर नोएडा वेस्ट एवं नोएडा के वासी अपने तहसील मुख्यालय तक पहुंचने से पहले अनेकों बार रास्ता भटकते हैं ।
ग्रेटर नोएडा/दादरी। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व प्रमुख क कर्मवीर नागर ने 130 मी रोड से सैनी से वाया बादलपुर से ईस्टर्न पेरीफेरल 60 मीटर सम्पर्क मार्ग पर अपने विचार भले ही आज बसपा सुप्रीमो बहन कुमारी मायावती राजनीतिक तौर पर हासिये पर पहुंच गई हों लेकिन अगर निष्पक्ष और बगैर किसी राजनीतिक लाग लपेट के नजरिए से देखें तो इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि जितना सर्वांगीण विकास मायावती शासन में हुआ, गौतम बुद्ध नगर का उतना विकास किसी भी शासन में नहीं हुआ। भले ही गौतम बुद्ध नगर के वह सभी नेता बहन जी का साथ छोड़ गए हों जिन्होंने बसपा की सत्ता और सरकार का भरपूर आनंद लिया था।
अगर ग्रेटर नोएडा से जीटी रोड और कल्दा मार्ग निर्माण की ही बात करें तो बसपा शासन काल में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों ने ही बहन कुमारी मायावती के निर्देशन में इस मार्ग को प्रस्तावित किया था। लेकिन बाद के शासनकाल में ना तो अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान दिया और ना ही यहां के जनप्रतिनिधियों ने। नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा वेस्ट की भी तहसील दादरी है, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा वेस्ट के वासी दादरी तहसील मुख्यालय तक पहुंचने में भी समस्या है । मैं धन्यवाद करना चाहूंगा ओमवीर आर्य जी राष्ट्रीय अध्यक्ष जन-आंदोलन का जिन्होंने इस जनहित के मुद्दे को उठाकर बहुत अच्छा काम किया है मुझे पूरा विश्वास है कि इसकी पहल हुई है तो निश्चित तौर पर सफलता भी मिलेगी। मैं आश्वस्त करता हूं कि जनहित के इस मुद्दे में मेरी तरफ से योगदान में कोई कोर कसर नहीं रहेगी। विशेष तौर पर इस मुद्दे की लड़ाई लड़ने के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर रोजाना बुद्धिजीवी, राजनेता और संघर्ष शील सदस्यों का बढ़ता कारवां इस बार इस बात की तरफ साफ इशारा भी कर रहा है कि इस मार्ग के निर्माण के लिए सभी किसी भी संघर्ष के लिए तैयार हैं। इसलिए प्राधिकरण के अधिकारियों को इस जनहित के मुद्दे का तत्काल संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि इससे नया ग्रेटर नोएडा घोषित क्षेत्र के विकास को भी पंख लगेंगे जिसकी हाल ही में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अगर प्राधिकरण के अधिकारियों ने जल्दी ही इसका संज्ञान नहीं लिया तो इस मुद्दे को विधानसभा के आगामी सत्र में जन प्रतिनिधियों से उठवाया जाएगा।
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