जेसीआई मंडल संयोजक एवं पत्रकार राघवेंद्र त्रिपाठी की तरफ से गजल को विश्व के कोने एवं भारत के घर-घर तक पहुंचने वाले 70 एवं 80 दशक के महान गायक कलाकार को विनम्र श्रद्धांजलि।




रामानन्द तिवारी दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ 

 संत कबीर नगर ।महान गजल गायक ने नाम पिक्चर का गाना चिट्ठी आई है। जब अमेरिका में गा रहे थे खुद पंकज उदास इस गाने को गाते हुए अपनी आंसुओं से भीग चुके थे। और वहां पर सुन रहे कई श्रोता के आंखों में भी आंसुओं का सैलाब निकला था।  कई एनआरआई भारतीय अप्रवासी अपने देश में अपने पूर्वजों की धरती पर मिलने के लिए आतुर हो चुके थे। इस गाने ने विश्व के कोने-कोने में रह रहे भारतीयों को अपने मिट्टी से जोड़ दिया। क्योंकि इस गाने में मां, मातृभूमि, मानुष सभी के दर्द को इस गाने में एक साथ गाया गया है। आज भी जब आप अकेले में रहे इस गानों को सुने मन प्रफुल्लित होता है।उस दौर  का यह भारतीय संगीत का विश्व का सबसे सर्वश्रेष्ठ गजल का गाना था। ऐसे महान गायक ने हजारों गजलें गाईं है। जिसमें सबसे सबसे सुपर डुपर हिट यही गजल रही है। इसके बाद भी आपने अनेकों अच्छे संगीत मय गाने गए। हम भारतीयों का अपने कई दशक तक मनोरंजन किया। संगीत कभी मरता नहीं है। आप भले ही हमारे बीच में ना हो मगर गीत, गजलों के माध्यम से आप हमेशा हम लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री से लेकर आम जनमानस तक सभी ने आपके प्रति शोक संवेदना व्यक्त की। आप पद्मश्री से पुरस्कृत हुए थे। ईश्वर आपकी आत्मा को परम शांति प्रदान करें। आम जनमानस की आत्मा में आप एक भजन सम्राट की हैसियत से सर्वदा याद किए जाते रहेंगे।

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