नई राष्ट्र शिक्षा नीति 2020 के प्रकाश में प्रबंधन शिक्षा पर किया देश भर के शिक्षाविदों ने विमर्श

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर


भारत को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सार्थक साबित होगी:प्रो कनग सभापति
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा:प्रो राजकुमार मित्तल
 नोएडा। ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विवि परिसर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन समोरोप में बतौर मुख्यातिथि रिसर्चर ऑन इंडिया सेंट्रिक स्टडीज बीजेपी के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. कनग सभापति एवं बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो पीसी पांडे रहे । जीबीयू के कुलपति प्रो आरके सिन्हा ने  भी शिरकत की। सम्मेलन की अध्यक्षता चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने की।  प्रो. कनाग सभापति ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सार्थक साबित होगी।उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा का विश्व में कोई सानी नहीं है। उन्होनें कहा कि प्रबंधन शिक्षा में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप आवश्यक बदलाव करने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को अपनी मातृ भाषा में व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रावधान इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किया गया है।यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्ति बनाने में सहायक होगी।उन्होंने इस नई शिक्षा नीति के क्रियान्वन में सबके सहयोग की अपील की।चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा।सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में मिलकर प्रयास करने चाहिए ।उन्होंने कहा कि हमने बहुत पहले ही अपने विश्वविद्यालय में इसे लागू करने के प्रयास शुरू कर दिए थे।विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए विश्वविद्यालय में 12 हॉबी क्लबों का गठन इसका उदाहरण है। हम विद्यार्थियों को अर्न व्हाइल यू लर्न के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करें।हम विद्यार्थियों को स्वरोजगार के प्रति प्रोत्साहित कर उन्हें उद्यमशील बनाकर ही भारत को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। हमने शिक्षा जगत के अनेक लोगों को इस सम्मेलन में जोड़ा। इस तरह के सम्मेलनों का इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन में निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। उन्होनें सफल आयोजन के लिए आयोजक टीम को बधाई दी और पूर्ण सहयोग के लिए जीबीयू प्रशासन का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।उन्होंने युवाओं से पंचकोष के सिद्धांत अपनाने का आह्वान किया।गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो आर के सिन्हा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वन पर विस्तृत विचार व्यक्त किए। ताइवान लोकतंत्र फाउंडेशन के अंतर्राष्ट्रीय फैलो श्री पी सी पांडेय ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन का विषय ‘प्रबंधन शिक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रकाश में था। चौधरी बंसीलाल विवि, भिवानी, गौतम बुद्ध विवि, ग्रेटर नोएडा एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन उन समृद्ध प्रबंधन प्रथा एवं प्रणालियों को समझने का एक प्रयास किया गया, जिसने भारत को दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान के मामले में दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बनने में सहायता की। सम्मेलन के चार मुख्य उद्देश्यों भारतीय संदर्भ में नवीन प्रबंधन, संरचनाओं की खोज करना, प्रबंधन शिक्षा शास्त्र एवं उद्यमी और व्यवसायियों के लिए इसकी प्रासंगिगता पर चर्चा, प्रबंधन शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत बनाने की रूपरेखा प्रस्तुत करना एवं ऐसी प्रथा और नीतियों को खोजना, जिन्हें भारतीय प्रबंधन के संदर्भ में लागू किया जा सके शामिल थे। सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुति, व्यष्टि अध्ययन प्रस्तुति, पैनल चर्चा, प्रबंधन विशेषज्ञों द्वारा अनुभव साझा एवं पोस्टर एवं परियोजनाओं की प्रदर्शनी सम्मेलन के मुख्य आकर्षण रहे।प्रथम दिन सम्मेलन का उद्घाटन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कोठरी ने किया।दो दिवसीय सम्मेलन में चौधरी बंसी लाल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल, गौतम बुद्ध यूनवर्सिटी के  कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. शांतिश्री ढ़ुलिपड़ी पंडित के अलावा प्रथम दिन के मुख्यातिथि एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. टीजी सीतारमण  एआईसीटीई थे। इसके अलावा एसएसयूएन के नेशनल कॉर्डिनेटर मेनेजमेंट एजुकेशन डॉ. जयेंद्रसिंह जाधव आदि का संबोधन हुआ। सम्मेलन की संयोजक के रूप में एफसीएम, सीबीएलयू, भिवानी की डीन प्रो. सुनीता भरतवाल, प्रो अनादि पांडे,गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. दिनेश कुमार शर्मा, प्रो राजीव सिजारिया,भगत फूल सिंह महिला विवि, खानपुर की प्रो. इश्पिता बंसल, डॉ आरके श्रीवास्तव डॉ वर्षा दीक्षित, डॉ अरविंद कुमार सिंह, डॉ कविता सिंह, कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के अलावा समन्वयक के रूप में महात्मा गांधी केंद्रीय विवि, मोतिहारी के प्रबंधन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.प्रो पवनेश कुमार, चौधरी बंसीलाल विवि, भिवानी की प्रो. डॉ. स्नेह लता शर्मा, डॉ. विवेक कुमार मिश्रा आदि की मौजूदगी रही।

शोध पत्र भी किए गए प्रस्तुत

सम्मेलन में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से 300 से अधिक शिक्षाविदों,शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वन पर विमर्श किया। अकादमिक समीक्षा के बाद पुस्तक के रूप में इन शोध पत्र को प्रकाशित किया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत, भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं प्रबंधन पाठ्यक्रम, भारतीय आर्थिक परिपेक्ष्य, उद्यमिता एवं स्वरोजगार एवं सम्मेलन के उप विषयों से संबंधित विषय पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा एवं गहन विचार विमर्श किया गया।
 शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कोठरी की अध्यक्षता एवं कुलपति प्रो राजकुमार मित्तल के मार्गदर्शन में सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षा संस्थानों के डायरेक्टर्स के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वन बैठक कर उनसे सीधा संवाद किया गया ।सम्मेलन की संयोजिका डीन एफसीएम प्रो सुनीता भरतवाल ने सभी अतिथियों,सहभागी शिक्षाविदों,शोधार्थियों और मीडिया का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन डॉ स्नेहलता शर्मा ने किया। इस अवसर पर सीबीएलयू से डीन लाइफ साइंसेज प्रो संजीव कुमार,प्रो ललिता गुप्ता,प्रो नितिन बंसल, डॉ पवन गुप्ता,डॉ रविप्रकाश, डॉ सुशीला आर्य, डॉ संगीता,डॉ उमा कुमारी शाह, डॉ आकाशदीप,विभा राजगढ़िया,सुप्रिया,उर्षिता, पीआरओ प्रभारी ऋषि शर्मा, एलटी संदीप राणा,राकेश  और जे एन यू से प्रो. अरविंद कुमार , प्रो राजीव सिजरिया, डॉ साक्षी शर्मा सहित अनेक शिक्षाविद एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

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